छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाला’: ईडी ने 121 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की

नयी दिल्ली. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ. राज्य विपणन निगम लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) अरुणपति त्रिपाठी और अन्य की 121 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में कुर्क की गई है. यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दी.
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धनशोधन-रोधी कानूनी (पीएमएलए) के तहत अस्थायी तौर पर कुर्क की गई संपत्तियों में अनवर ढेबर की 98.78 करोड़ रुपये की 69 संपत्तियां, टुटेजा की 8.83 करोड़ रुपये की 14 संपत्तियां और भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये कीमत की एक संपत्ति शामिल है.
टुटेजा 2003 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में तैनात हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि छत्तीसगढ. की राजधानी रायपुर में अनवर ढेबर की कंपनी ए ढेबर बिल्डकॉन के तत्वावधान में चलाए जा रहे होटल वेनिंग्टन कोर्ट को भी कुर्क कर लिया गया है.
उसने कहा कि इसी आदेश के तहत विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की 1.54 करोड़ रुपये की सम्पत्ति और अरविंद सिंह की 11.35 करोड़ रुपये की 32 संपत्तियों को भी कुर्क किया गया है. कुल कुर्क की गई संपत्तियों की कुल कीमत 121.87 करोड़ रुपये है. धनशोधन का यह मामला आईएएस अधिकारी टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में 2022 में दायर आयकर विभाग के एक आरोपपत्र से उपजा है. इस मामले में अब तक अनवर ढेबर, त्रिपाठी और दो अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया है.
ईडी ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ. में बेची जाने वाली शराब की ‘प्रत्येक’ बोतल के लिए ‘अवैध रूप से’ धन एकत्र किया गया था और अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट द्वारा उत्पन्न ‘अभूतपूर्व’ भ्रष्टाचार और 2,000 करोड़ रुपये के धनशोधन के सबूतों का पता चला है.
इसने दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के अलावा छत्तीसगढ. के रायपुर और भिलाई में विभिन्न स्थानों पर “50 से अधिक छापेमारी अभियान” चलाए थे और ईडी ने पहले कहा था कि उसने नकद, सावधि जमा, शेयर और आभूषण सहित 58 करोड़ रुपये की चल संपत्ति जब्त की थी. इस प्रकार, इस मामले में कुल जब्ती और कुर्की अब लगभग 180 करोड़ रुपये की है. ईडी ने कहा है कि इस कथित अवैध शराब सिंडिकेट के तहत चार तरीके से ‘भ्रष्टाचार’ किया गया.
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