जीएसटी संग्रह में आम लोगों की भागीदारी दो तिहाई, ‘चहेते’ उद्योगपतियों की सिर्फ तीन प्रतिशत: कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर ‘कर का आतंक’ फैलाने का आरोप लगाया और दावा किया कि देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कुल संग्रह में आम नागरिकों की भागीदारी दो तिहाई है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘चहेते’’ उद्योगपतियों की भागीदारी सिर्फ तीन प्रतिशत है।

पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शक्ति ंिसह गोहिल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि जीएसटी की संकल्पना एक सरल कर प्रणाली के रूप में की गई थी, लेकिन मोदी सरकार ने सब कुछ इसके लिए उलट किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ पॉपकॉर्न पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगा दी जाती है। यह कर का आतंक है। कपास की पैदावार के बिकने से पहले ही उस पर जीएसटी दी जाती है और रिफंड किसान को तभी मिलेगा जब वह अपनी उपज दूसरे को बेचेगा। किसानों को जीएसटी की मार झेलनी पड़ रही है।’’ गोहिल ने दावा किया कि वर्तमान समय में स्थिति यह है कि आम नागरिक महीने में जितना पैसा कमाता है, उसमें से ज्यादातर पैसे खर्च हो जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह जी ने कहा था कि जीएसटी लोगों को राहत देने के लिए है, उनको लूटने के लिए नहीं है, लेकिन भाजपा ने उसका उल्टा कर दिया।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘कुल जीएसटी संग्रह देश का आम नागरिक दो तिहाई से ज्यादा टैक्स देता है, लेकिन मोदी जी के चहेते लोगों की भागीदारी सिर्फ तीन प्रतिशत है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह अंतर कितना बड़ा है।’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के 10 साल में अमीर और गरीब के बीच खाई बहुत बढ़ गई है जो अंग्रेजों के शासन के मुकाबले अधिक है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button