कांग्रेस संसद के विशेष सत्र की मांग करने से पहले अपने संगठन पर ध्यान दे: शिवसेना

नयी दिल्ली.शिवसेना ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए विवादास्पद विचारों को लेकर विपक्षी पार्टी से मंगलवार को कहा कि वह संसद के विशेष सत्र की मांग करने से पहले अपने संगठन की ओर ध्यान दे और उसमें सुधार करे.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी शिवसेना के संसदीय दल के अध्यक्ष श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे तत्काल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का सत्र बुलाकर अपने वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिए गए “बेहद आपत्तिजनक” बयानों पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. इन वक्तव्यों में पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के बयानों पर सवाल उठाना और पाकिस्तान के विमर्श को दोहराना शामिल है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में देश भर के कांग्रेस के प्रतिनिधि होते हैं, जिनमें इसके वरिष्ठतम पदाधिकारी भी शामिल हैं.

शिंदे ने आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी आर बी तिम्मापुर, महाराष्ट्र के नेता विजय वडेट्टीवार और जम्मू-कश्मीर के सैफुद्दीन सोज और तारिक हमीद कर्रा सहित कांग्रेस के कई नेताओं का नाम लिया. सोज और कर्रा दोनों ने पाकिस्तान के साथ सुलह करने का सुझाव दिया, जबकि कुछ अन्य ने जीवित बचे लोगों के इन बयानों पर सवाल उठाया जिनमें कहा गया था कि आतंकवादियों ने पीड़ितों का धर्म पूछा था.

शिंदे ने कहा, “यहां तक कि रॉबर्ट वाद्रा की यह टिप्पणी कि आतंकवादी भारत में मुसलमानों के साथ कथित दुर्व्यवहार पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, राष्ट्रीय संवेदनशीलता और नैतिक जिम्मेदारी की हर सीमा को लांघती है.” उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को देश को जवाब देना चाहिए. क्या वह आतंकवाद के पीड़ितों के साथ खड़ी है या आतंकवादियों के लिए बहाने बनाने वालों के साथ? इस पाखंड को छुपाया नहीं जा सकता.” शिंदे ने कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और एकजुट राजनीतिक प्रतिक्रिया की जरूरत है, न कि खंडित और तुष्टीकरण से प्रेरित विमर्श की.

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस इस पर स्पष्ट नैतिक रुख नहीं अपना सकती है, तो उसे किसी और से जवाबदेही की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा करने और सामूहिक संकल्प प्रर्दिशत करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.

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