भ्रष्टाचार व ‘बदले की भावना’ की बात न करे कांग्रेस: सीतारमण

केंद्र ने फिर कहा, एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता

जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छत्तीसगढ़ में कई कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर छापेमारी के कुछ घंटों बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल नहीं बोलना चाहिए और न ही ‘बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई का आरोप लगाना चाहिए. सीतारमण ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और जब उनके पास जरूरी सबूत होते हैं तभी वे जाकर जांच करती हैं.

वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए न ही ‘बदले की भावना’ से कार्रवाई करने का आरोप लगाना चाहिए. यह शर्मनाक है. एक के बाद एक कांग्रेस सरकारें भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों के चलते ही सत्ता से बाहर हो गई हैं.” उन्होंने आगे कहा, “जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और केवल जब उनके पास आवश्यक साक्ष्य होते हैं, तभी वे जाकर जांच करते हैं … यह अजीब है कि एक पार्टी, जिसका पूर्व अध्यक्ष और एक पूर्व से पूर्व अध्यक्ष, भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में जमानत पर बाहर हैं, भ्रष्टाचार की बात कर रही है.” उन्होंने कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक कारणों से देश को आगे बढ़ने से रोकने का भी आरोप लगाया.

सीतारमण ने कहा, ‘कांग्रेस ने राजनीतिकरण की वजह से देश को आगे बढ़ने से रोकने वाले तंत्र को अपनाया क्योंकि उन्हें देश की चिंता नहीं है. उन्हे केवल उनके परिवार, वंश और उनकी पार्टी की भलाई की चिंता है. सालों तक गुजरात के लोग पानी को तरसते रहे लेकिन कांग्रेस ने परवाह नहीं की.’ वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता पहले आरोप लगाते हैं और फिर सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर जाते हैं. उन्होंने कहा, “कांग्रेस को या तो सदन से बहिर्गमन नहीं करना सीखना चाहिए ताकि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए जवाब को सुन सकें. या जब वे आरोप लगाते हैं तो ‘ठोस सबूतों’ के आधार पर लगाएं.’

केंद्र ने फिर कहा, एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता

राजस्थान सहित कई राज्यों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल किए जाने के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को फिर स्पष्ट कहा कि मौजूदा नियमों के तहत नई पेंशन योजना (एनपीएस) में जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी दोनों ने यहां कहा कि अगर कोई राज्य सरकार यह अपेक्षा कर कर रही है कि एनपीएस के लिए जमा किया गया पैसा उन्हें वापस मिल जाएगा तो यह नामुमकिन है.

केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में कहा था कि केंद्र ने एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य को नहीं लौटाया तो राज्य सरकार अदालत का दरवाजा खटखाएगी. अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हालिया गिरावट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए उस शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता जहां नई पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा लगाया जा रहा है.

गहलोत ने कहा, ‘‘पूरा पैसा जो हमारा जमा है वह भारत सरकार हमें वापस दे नहीं रही है… ओपीएस लागू करने के बावजूद नहीं दे रही है. और हम कहना चाहेंगे नहीं देंगे तो हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे. उच्च न्यायालय जाएंगे लेकिन वह पैसा हम लेकर रहेंगे.’ इस संबंधी एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने यहां कहा, ‘‘ऐसा फैसला करने वाले राज्य अगर फिर अपेक्षा करते हैं कि जो पैसा ईपीएफओ कमिश्नर के पास रखा हुआ है … वह पैसा इकट्ठा राज्य को दे देना चाहिए तो… ऐसी अगर अपेक्षा है तो नहीं … वह पैसा कर्मचारी का हक है.’’

वित्त मंत्री विभिन्न भागीदारों से बजट उपरांत चर्चा में भाग लेने के लिए यहां आई थीं. वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने भी यही बात कही और कहा कि मौजूदा नियमों के तहत नई पेंशन योजना एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता.

कुछ राज्यों द्वारा ओपीएस बहाल किए जाने व कई वर्गों द्वारा इसकी मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘’इसके बारे में मैं कहना चाहूंगी कि यह ‘ट्रेंड’ बहुत अच्छा नहीं है और सिर्फ राज्य सरकारें अपनी देनदारियों को ‘स्थगित’ कर रही हैं. कर्मचारियों को ऐसा लग रहा है कि उनको फायदा है वह है कि नहीं है यह भी एक देखने वाली बात है.’

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक यह बात है कि राज्य सरकारें अपना हिस्सा वापस मांग रही हैं. उस बारे में मैं निवेदन करना चाहूंगी कि कानून बड़ा स्पष्ट है कि राज्य सरकार को वह पैसा नहीं मिल सकता. क्योंकि नई पेंशन योजना एनपीएस में पैसा कर्मचारी से सम्बद्ध है और यह एक समझौता कर्मचारी व एनपीएस ट्रस्ट में है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कर्मचारी सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने से पहले हटता है तो उसके अलग नियम है. जहां तक राज्य समझ रहे हैं कि वह हमें वापस मिल जाएगा मैं समझती हूं कि यह मौजूदा नियमों के हिसाब से संभव नहीं है.’

महंगाई पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लगातार ध्यान देते रहेंगे: सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए बहुत सारे कदम सरकार उठा रही है और लगातार इस पर ध्यान देती रहेगी. क्या बजट 2023-24 महंगाई को कम करेगा, यह पूछे जाने पर सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए बहुत सारे कदम सरकार उठा रही है और लगातार इस पर ध्यान देते रहेंगे.’’ उन्होंने कहा कि बजट पर हुई बहस का जवाब देते हुए उन्होंने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए एक नहीं बल्कि बहुत सारे कदमों की जानकारी दी.

सीतारमण ने कहा, ‘‘हमने बहुत सारे कदम उठाए हैं जिनमें उदाहरण के लिए दलहन बुवाई के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रहे हैं ताकि आने वाले समय, बुवाई के मौसम में भारत में दलहन का उत्पादन बढ़े. इस बीच अल्पकालिक कदमों के तहत जहां से भी हम आयात कर रहे हैं चाहे वह मसूर हो, मूंग हो या जो भी दलहन हो उसका आयात शुल्क घटाकर उसे हम ‘ंिसगल डिजिट’ में ले आए हैं या पूरी तरह से हटा दिया है जिससे आयात सुविधाजनक व जल्दी और सस्ते में दलहन भारत में मिले.’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘खाद्य तेल के लिए पिछले साल से लगातार आयात को लगभग निशुल्क (आयात शुल्­क मुक्­त) कर दिया गया है ताकि खाद्य तेल की आपूर्ति सरल हो और पर्याप्त हो.’’ खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आने और थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट की जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए बहुत सारे कदम सरकार उठा रही है और लगातार इस पर ध्यान देते रहेंगे.’’ भाषा पृथ्वी सुरभि

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