देश की आर्थिक वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 7.6% पर

वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में जीडीपी वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को प्रर्दिशत करती है: मोदी

नयी दिल्ली. विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी. बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी.

इसके साथ भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीव्र आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है. चीन की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर इस जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही. जीडीपी से आशय देश में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार कृषि क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रही जो 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2.5 प्रतिशत थी. विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 13.9 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी.

वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में जीवीए वृद्धि दर छह प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी.
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही में खनन और उत्खनन में जीवीए बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया, जबकि एक साल पहले इसमें 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी. बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य जन केंद्रित सेवाओं की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत से बढ़कर 10.1 प्रतिशत हो गई.

निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दूसरी तिमाही में बढ़कर 13.3 फीसदी रही. एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत थी.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत पर बरकरार रही. एनएसओ ने एक बयान में कहा, ”वास्तविक जीडीपी या स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी के 2023-24 की दूसरी तिमाही में 41.74 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 38.78 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह इसमें 7.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत था.”

इसी तरह मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 2023-24 की दूसरी तिमाही में 71.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 65.67 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह मौजूदा कीमतों पर जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 17.2 प्रतिशत था.

वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में जीडीपी वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को प्रर्दिशत करती है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दर्शाते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन के कारण सितंबर तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही और यह सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनी रही.

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े वैश्विक स्तर पर ऐसे कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दर्शाते हैं. हम अधिक अवसर पैदा करने, गरीबी के तेजी से उन्मूलन और हमारे लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ में सुधार करने के लिए तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

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