दत्तात्रेय होसबाले पुन: आरएसएस के सरकार्यवाह चुने गए

चुनावी बॉण्ड एक 'प्रयोग', कितना फायदेमंद रहा समय बताएगा: आरएसएस नेता होसबाले

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को दत्तात्रेय होसबाले को पुन: सरकार्यवाह निर्वाचित किया. आरएसएस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी देते हुए कहा कि होसबाले 2021 से सरकार्यवाह हैं और उन्हें 2024 से 2027 तक की अवधि के लिए पुन: इस पद पर चुना गया है. आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की शुरुआत यहां रेशिमबाग में स्मृति भवन परिसर में शुक्रवार को हुई.
नागपुर में संघ मुख्यालय में छह साल के बाद यह बैठक हो रही है.

चुनावी बॉण्ड एक ‘प्रयोग’, कितना फायदेमंद रहा समय बताएगा: आरएसएस नेता होसबाले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को कहा कि चुनावी बॉण्ड एक ”प्रयोग” है और वक्त आने पर पता चलेगा कि यह कितना फायदेमंद और प्रभावी रहा. संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को दत्तात्रेय होसबाले को तीन साल के लिए पुन: सरकार्यवाह (महासचिव) निर्वाचित किया.

निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉण्ड के आंकड़े जारी किए. कई अरबपति कारोबारी और कम चर्चा वाली कंपनियां इसके खरीदारों में शामिल हैं. इस्पात कारोबारी लक्ष्मी मित्तल से लेकर अरबपति सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा से लेकर कम प्रसिद्ध फ्यूचर गेमिंग और होटल र्सिवसेज अब रद्द किए जा चुके चुनावी बॉण्ड के प्रमुख खरीदारों में शामिल थे.

चुनावी बॉण्ड मुद्दे पर जतायी जा रही चिंताओं और लाभ पाने के लिए इन्हें खरीदने के दावों के बारे में होसबाले ने कहा कि संघ ने अभी तक इसके बारे में चर्चा नहीं की है क्योंकि चुनावी बॉण्ड एक ”प्रयोग” है. उन्होंने कहा, ”यह नियंत्रण और संतुलन के साथ किया गया और ऐसा नहीं है कि चुनावी बॉण्ड आज अचानक पेश किए गए, ऐसी योजना पहले भी लायी गयी थी. जब भी कोई बदलाव होता है तो सवाल उठाए जाते हैं. जब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें) लायी गयी थीं तब भी सवाल उठाए गए थे.”

होसबाले ने कहा, ”जब नयी चीजें आती हैं तो लोगों का सवाल उठाना स्वाभाविक है. लेकिन वक्त आने पर पता चलेगा कि नयी व्यवस्था कितनी फायदेमंद और प्रभावी रही. इसलिए संघ को लगता है कि इसे प्रयोग के लिए छोड़ देना चाहिए.” नरेन्द्र मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि संघ समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का स्वागत करता है. उन्होंने कहा कि इसे लागू करने की मांग वाला एक प्रस्ताव कई साल पहले संगठन की ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ में पारित किया गया था.

होसबाले ने कहा, “इसे (भाजपा शासित) उत्तराखंड में लागू किया गया है. हम चाहेंगे कि इसे पूरे देश में लागू किया जाये. लेकिन उत्तराधिकार, गोद लेना, विवाह और अन्य मुद्दे जैसे कुछ विवरण हैं जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता है और फिर वे आगे बढ. सकते हैं.” उन्होंने कहा, लोगों ने देखा है कि देश ने पिछले 10 वर्षों में कितनी प्रगति की है और यहां तक कि प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और राजनीतिक विचारकों ने भी दोहराया है कि वर्तमान सदी भारत की सदी है. उन्होंने कहा, “ऐसा कहने से उनके लिए कुछ अच्छा ही हो रहा होगा. वैसे भी, लोग चार जून (लोकसभा चुनाव की मतगणना के दिन) को अपना फैसला सुनाएंगे.”

Related Articles

Back to top button