दिल्ली आबकारी नीति मामला: संजय सिंह को 27 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नयी दिल्ली. यहां की एक अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित कथित घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह को शुक्रवार को 27 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले, ईडी की हिरासत की अवधि खत्म होने पर सिंह को विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पेश किया गया.

न्यायाधीश ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सिंह को अदालत के अंदर “असंबद्ध मामलों पर बयान नहीं देने” का भी निर्देश दिया.
सिंह ने अदालत के समक्ष यह दावा किया कि ईडी ने ह्लअडाणी के खिलाफह्व उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद न्यायाधीश ने यह निर्देश जारी किया. सिंह उद्योगपति गौतम अडाणी का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें केंद्र सरकार का करीबी माना जाता है. अडाणी को लेकर सिंह की पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर रही है.

न्यायाधीश ने कहा, ह्लकिसी असंबद्ध मामले पर बात न करें. यदि आप अडाणी और मोदी के बारे में भाषण देते हैं, तो मैं अब से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आपको पेश करने के लिए कहूंगा.ह्व राज्यसभा सदस्य ने अदालत के समक्ष दावा किया कि ईडी ने हिरासत में पूछताछ के दौरान उनसे प्रासंगिक प्रश्न नहीं पूछे.

सिंह ने न्यायाधीश से कहा, ह्लउन्होंने बस इतना पूछा कि मैंने मां से पैसे क्यों लिए, मैंने अपनी पत्नी के खाते में 10,000 रुपये क्यों भेजे. ईडी मनोरंजन विभाग बन गया है, झूठ पर झूठ बोल रहा है. मैंने उन्हें अडाणी के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.ह्व सुनवाई के बाद, न्यायाधीश ने ईडी द्वारा दायर आवेदन पर आदेश सुनाया, जिसमें उनकी दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत की मांग की गई थी.

न्यायाधीश ने कहा, “चूंकि अपराध से अर्जित पूरी आय और धनशोधन के कथित अपराध में अन्य आरोपी व्यक्तियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए मामले की जांच अब भी लंबित है, इसलिए आरोपी को 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है. उन्हें उक्त तिथि पर अपराह्न 2 बजे इस अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है.ह्व जांच एजेंसी ने राज्यसभा सदस्य सिंह को चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि सिंह ने अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को वित्तीय लाभ हुआ.

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