दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना के क्रियान्वयन को उच्चतम न्यायालय की समीक्षा तक टाला

नयी दिल्ली. दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सम-विषम (ऑड-ईवन) कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा किए जाने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से संबंधित इस योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया था.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि योजना की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान और दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए दो प्रमुख अध्ययनों के परिणामों को दिल्ली सरकार शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगी.

मंत्री ने कहा, “उच्चतम न्यायालय द्वारा इसकी प्रभावशीलता की समीक्षा किए जाने और आदेश जारी किए जाने के बाद ही सम-विषम योजना को लागू करने पर निर्णय लिया जाएगा.” उन्होंने कहा कि मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. राष्ट्रीय राजधानी में खराब होती वायु गुणवत्ता के बीच राय ने पूर्व में इस योजना की घोषणा की थी. इसके तहत कारों को उनकी सम-विषम नंबर प्लेट के आधार पर वैकल्पिक दिनों में संचालित करने की अनुमति दी जाती है, जिसे 13 नवंबर से 20 नवंबर के बीच लागू किया जाना है.

वायु प्रदूषण के चलते सम-विषम योजना की शुरुआत 2016 में की गई थी जो स्थिति के अनुसार निर्धारित की जाने वाली अवधि के लिए लागू की जाती है. शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान और ‘एविडेंस फॉर पॉलिसी डिज.ाइन’ ने 2016 में सम-विषम प्रणाली के प्रभाव का विश्लेषण किया था और पाया था कि दिल्ली में उस वर्ष जनवरी में जितने घंटों तक यह रहा, उस दौरान पीएम2.5 के स्तर में 14-16 प्रतिशत की कमी देखी गई.

हालांकि, जब उस वर्ष अप्रैल में योजना वापस लाई गई तो प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई. मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार दिल्ली में ऐप-आधारित टैक्सियों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.  उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को कनॉट प्लेस स्मॉग टॉवर को पूरी क्षमता से फिर से शुरू करने और राजधानी में प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों की पहचान करने के लिए एक अध्ययन फिर से शुरू करने के वास्ते आईआईटी कानपुर को शेष धनराशि जारी करने के निर्देश दिए हैं. राय ने कहा कि दिल्ली में खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए 611 टीम गठित की जाएंगी.

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