लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं, जनता की आवाज़ से चलता है: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में की गई रस्में देश को पीछे ले जाने को करती हैं प्रदर्शित: पवार

नयी दिल्ली/मुंबई/कोलकाता. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किये जाने के बाद रविवार को कहा कि उन्हें (प्रधानमंत्री को) यह याद रहना चाहिए कि लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं, जनता की आवाज से चलता है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नई संसद के उद्घाटन का हक़ राष्ट्रपति जी से छीना, सड़कों पर महिला खिलाड़ियों को तानाशाही बल से पीटा! भाजपा-आरएसएस के सत्ताधीशों के 3 झूठ अब देश के सामने बेपर्दा हैं.’’

खरगे ने कहा, ‘‘लोकतंत्र, राष्ट्रवाद, बेटी बचाओ, याद रहे मोदी जी, लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं, जनता की आवाज़ से चलता है.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया.

नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में की गई रस्में देश को पीछे ले जाने को करती हैं प्रर्दिशत:पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि नयी दिल्ली में नये संसद भवन के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई विभिन्न रस्मों से यह प्रर्दिशत होता है कि ”देश को दशकों पीछे ले जाया जा रहा” है.
उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वैज्ञानिक सोच रखने वाले समाज की परिकल्पना की थी, लेकिन नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जो कुछ हुआ वह इसके ठीक उलट है.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक समारोह में नये संसद भवन का उद्घाटन किया, जिस दौरान वहां हवन किया गया और सर्वधर्म प्रार्थना आयोजित की गई तथा लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट राजदंड (सेंगोल) स्थापित किया गया. पवार ने पुणे में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ”देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा आधुनिक भारत की अवधारणा की बात करने और नयी दिल्ली में आज नये संसद भवन में की गई विभिन्न रस्मों में बहुत बड़ा अंतर है.”

उन्होंने कहा, ”विज्ञान पर समझौता नहीं किया जा सकता. नेहरू ने वैज्ञानिक सोच वाले समाज का निर्माण करने की ओर निरंतर प्रयास किया. लेकिन आज नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जो कुछ हुआ, वह उससे ठीक उलट है जिसकी नेहरू ने परिकल्पना की थी.” राकांपा उन 20 विपक्षी दलों में शामिल है, जिन्होंने नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री द्वारा किये जाने का बहिष्कार करने की घोषणा की थी.

संसद भवन के उद्घाटन पर तृणमूल कांग्रेस का कटाक्ष: प्रधानमंत्री मोदी को ‘सुर्खियां बटोरने’ की आदत

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को नये संसद भवन का उद्घाटन और लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ स्थापित करने से पता चलता है कि इस तरह के एक महत्वपूर्ण अवसर के दौरान प्रधानमंत्री की प्रवृत्ति ”पूरी तरह सुर्खियों में रहने” की होती है.

टीएमसी ने कई विपक्षी दलों के साथ प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया. बहिष्कार करने वाले विपक्षी दलों का कहना था कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए था न कि प्रधानमंत्री को. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”संसद भवन के उद्घाटन पर कुछ धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी भारतीय संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है जो इसे एक धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में र्विणत करता है.” ‘सेंगोल’ को स्थापित किये जाने का उल्लेख करते हुए रॉय ने कहा, ”हम एक प्रजातंत्र हैं, न कि राजतंत्र. फिर ‘सेंगोल’ को लोकतंत्र के मंदिर में क्यों स्थापित किया गया.” प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया.

पश्चिम बंगाल से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य विकास भट्टाचार्य ने दावा किया कि नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन कराना ”संविधान की मूल अवधारणा के खिलाफ” है. भट्टाचार्य ने कहा, ”हम भारत के लोग हैं और इसमें किसी भी धर्म का कोई संकेत नहीं है” शब्दों के साथ संविधान शुरू होता है.

आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि टीएमसी जैसे विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पिछड़े समुदाय की प्रतिनिधि द्रौपदी मुर्मू के लिए बहुत कम सम्मान दिखाया था और अब उनके लिए “मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”नये संसद भवन का उद्घाटन नरेन्द्र मोदी जैसी सार्वजनिक शख्सियत ने किया है, जो 130 करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि हैं. टीएमसी जैसा विपक्ष लोकप्रिय प्रधानमंत्री के प्रति अपना द्वेष दिखाकर इस देश के लोगों का अपमान कर रहा है.”

उन्होंने कहा, ”विपक्ष ने अपने शासनकाल में देश को उसके अतीत और विरासत से दूर किया था, वह भाजपा ही है जिसने आधुनिक शिक्षा, तकनीक और सोच को अपनाते हुए युवा पीढ.ी को हमारे अतीत से अवगत कराया है. टीएमसी जितनी जल्दी इसे समझ जाए, उतना ही अच्छा है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस खुद आने वाले दिनों में कहीं दिखाई नहीं देगी.”

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