माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा : प्रधानमंत्री मोदी

'ऑपरेशन सिंदूर' सिर्फ सैन्य मिशन नहीं, बल्कि बदलते भारत की तस्वीर है: मोदी

नयी दिल्ली/बरहमपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि माओवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के परिणाम सामने आ रहे हैं और इससे प्रभावित रह चुके क्षेत्रों में विकास एवं शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है. मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कहा कि पहले माओवादी हिंसा की चपेट में रहे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में काटेझरी जैसे दूरदराज के गांवों में अब बस सेवा और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं संभव हो गई हैं.

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के काटेझरी गांव का जिक्र करते हुए कहा, ”बस से यात्रा करना आम बात है लेकिन मैं आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताना चाहता हूं, जहां पहली बार बस आई. वहां के लोग इस दिन का वर्षों से इंतजार कर रहे थे और जब पहली बार गांव में बस आई, तो लोगों ने ढोल-नगाड़े बजाकर उसका स्वागत किया.” उन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर और दंतेवाड़ा क्षेत्रों में विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसी शैक्षणिक सुविधाओं के प्रसार का भी उदाहरण दिया. मोदी ने कहा, ”मुझे यह जानकर खुशी हुई कि कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम शानदार रहे.” उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिला 95 प्रतिशत परिणामों के साथ 10वीं कक्षा की परीक्षा में छत्तीसगढ़ में शीर्ष स्थान पर रहा और इसने 12वीं कक्षा की परीक्षा में राज्य में छठा स्थान प्राप्त किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में उन्होंने बस्तर ओलंपिक और माओवाद प्रभावित जिलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं की सफलता पर चर्चा की थी. मोदी ने कहा, ”यहां के बच्चे विज्ञान के प्रति जुनूनी हैं और खेलों में कमाल कर रहे हैं. ये प्रयास हमें बताते हैं कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग साहसी हैं. कई चुनौतियों के बावजूद उन्होंने ऐसा रास्ता चुना है जो उनके जीवन को बेहतर बनाता है.” सरकार ने कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुकी है और उसने अगले साल 31 मार्च तक इस खतरे को खत्म करने का संकल्प व्यक्त किया है.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ सैन्य मिशन नहीं, बल्कि बदलते भारत की तस्वीर है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ महज एक सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि यह ”बदलते भारत की तस्वीर” है जो वैश्विक मंच पर देश के संकल्प, साहस और बढ़ती ताकत को दर्शाती है. प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ”आज पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, गुस्से से भरा हुआ है और दृढ़ संकल्पित है.” मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया और इसे भारत की बढ़ती ताकत एवं उद्देश्य की स्पष्टता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, ” ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में नए आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार किया है.” उन्होंने सीमा पार आतंकवादी ढांचे पर भारतीय सेना द्वारा किए गए सटीक हमलों को ”असाधारण” बताकर उनकी प्रशंसा की.

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह ‘ऑपरेशन’ एक बार की सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह बदलते एवं दृढ़ संकल्पित भारत का प्रतिबिंब है. उन्होंने ‘ऑपरेशन’ के देश भर में पड़े प्रभाव पर बात करते हुए कहा, ”ऑपरेशन सिंदूर हमारे संकल्प, साहस और बदलते भारत की तस्वीर है.” ‘ऑपरेशन’ की सफलता के बाद लोगों ने सशस्त्र बलों के सम्मान में सोशल मीडिया पर देशभक्ति की कविताएं साझा कीं, बच्चों ने चित्रकारी की और विशाल तिरंगा यात्रा निकालने जैसे कई तरह के कदम उठाए गए.

मोदी ने कहा, ”कई शहरों में युवाओं ने नागरिक सुरक्षा के लिए स्वेच्छा से काम किया, कविताएं लिखीं, संकल्प के गीत गाए और बच्चों ने मजबूत संदेश देने वाली चित्रकारी की.” उन्होंने बीकानेर की अपनी हालिया यात्रा के बारे में बात की, जहां उन्हें बच्चों द्वारा की गई चित्रकारी उपहार में दी गई थी. मोदी ने कहा, ”कटिहार और कुशीनगर जैसे शहरों में परिवारों ने ‘ऑपरेशन’ के सम्मान में अपने नवजात शिशुओं का नाम ‘सिंदूर’ रखा.” प्रधानमंत्री ने मिशन की सफलता का श्रेय भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को दिया.

उन्होंने कहा, ”यह हमारे सैनिकों की परम वीरता थी, जिसे भारत में बने हथियारों, उपकरणों और प्रौद्योगिकी की शक्ति से मदद मिली.” मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के प्रति पूरे देश में नयी ऊर्जा का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मिशन ने न केवल देशभक्ति को प्रेरित किया है, बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना को भी मजबूत किया है. उन्होंने कहा, ”इस जीत में हमारे इंजीनियरों, तकनीशियनों और योगदान देने वाले हर नागरिक का पसीना है.”

शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 होना ‘बहुत उत्साहजनक’: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि गुजरात के गिर वन में एशियाई शेरों की आबादी सिर्फ पांच साल में 674 से बढ़कर 891 हो गई है और यह ह्लबहुत उत्साहजनकह्व वृद्धि है. मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में इस सफलता का श्रेय क्षेत्र के लोगों के सामूहिक प्रयासों और आधुनिक तरीकों के उपयोग को दिया.

उन्होंने कहा, ”शेरों की गणना के बाद सामने आई शेरों की यह संख्या बहुत उत्साहवर्धक है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 जिलों में 35,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में की गई गणना में शेरों की संख्या का पता चला है. उन्होंने कहा कि कवायद में शामिल टीमों ने चौबीस घंटे काम किया, ताकि सटीक परिणामों का सत्यापन और ‘क्रॉस-सत्यापन’ सुनिश्चित किया जा सके.

मोदी ने स्थानीय समुदायों की भागीदारी और गुजरात में वन अधिकारियों के रूप में महिलाओं की भर्ती की प्रशंसा करते हुए कहा, ”एशियाई शेरों की आबादी में वृद्धि दर्शाती है कि जब समाज में स्वामित्व की भावना मजबूत होती है, तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आते हैं.” प्रधानमंत्री ने 20 मई को मनाए जाने वाले विश्व मधुमक्खी दिवस के महत्व के बारे में भी बात की और शहद को स्वास्थ्य, स्वरोजगार व आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, ”पिछले 11 वर्षों के दौरान भारत में मधुमक्खी पालन में एक क्रांति आई है.” उन्होंने कहा कि शहद का उत्पादन लगभग 70-75 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन सालाना हो गया है और यह लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि है.

मोदी ने पेड़ की सूखी छाल से सुंदर कलाकृतियां बनाने वाले उत्तराखंड के कलाकार की सराहना की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली सूखी छाल से सुंदर कलाकृतियां बनाने वाले उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी जीवन जोशी की रविवार को सराहना की. जोशी 65 साल के हैं और वह विशिष्ट रूप से सक्षम व्यक्तियों की श्रेणी में आते हैं.
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ”आज मैं आपको एक ऐसे शानदार व्यक्ति के बारे में बताना चाहता हूं जो एक कलाकार भी हैं और जीती-जागती प्रेरणा भी. उनका नाम जीवन जोशी है. अब सोचिए जरा, जिनके नाम में ही जीवन हो, वह कितनी जीवंतता से भरे होंगे.” बचपन में पोलियो ने उनके पैरों की ताकत छीन ली थी, लेकिन उनके हौसलों को नहीं छीन पाया.

मोदी ने कहा, ”उनके चलने की रफ्तार भले कुछ धीमी हो गई, लेकिन उनका मन कल्पना की हर उड़ान उड़ता रहा. इसी उड़ान में, जीवन जी ने एक अनोखी कला को जन्म दिया, नाम रखा ‘बगेट’. इसमें वह चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली सूखी छाल से सुंदर कलाकृतियां बनाते हैं.” जोशी की प्रेरणादायक कहानी ने हाल ही में ‘पीटीआई वीडियो’ द्वारा उनके जीवन पर आधारित एक वीडियो जारी किए जाने के बाद लोगों का ध्यान आर्किषत किया. वीडियो में उनके जीवन, कलात्मक प्रक्रिया और चुनौतियों को दर्शाया गया था.

वीडियो में जोशी के कामकाज को दर्शाया गया है. इसमें देखा जा सकता है कि वह जंगल के रास्तों पर गिरी हुई छालों को इकट्ठा कर रहे हैं और उनसे ढोल, दमाऊ एवं पहाड़ी मंदिरों जैसी लघु सांस्कृतिक कलाकृतियां बना रहे हैं तथा अपने अनूठे शिल्प के जरिये उत्तराखंड की विरासत को संरक्षित कर रहे हैं. जोशी ने वीडियो में बताया कि ये कलाकृतियां पर्यावरण को बचाने का एक जरिया हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनकी कला युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

प्रधानमंत्री ने कहा, ”वह छाल, जिसे लोग आमतौर पर बेकार समझते हैं – जीवन जी के हाथों में आते ही धरोहर बन जाती है. उनकी हर रचना में उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू होती है. कभी पहाड़ों के लोक वाद्ययंत्र, तो कभी लगता है जैसे पहाड़ों की आत्मा उस लकड़ी में समा गई हो.” उन्होंने कहा, ”जीवन जोशी जैसे कलाकार हमें याद दिलाते हैं कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर इरादा मजबूत हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है. उनका नाम जीवन है और उन्होंने सच में दिखा दिया कि जीवन जीना क्या होता है.”

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में ओडिशा के भारोत्तोलक की सराहना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ओडिशा के 16 वर्षीय भारोत्तोलक की प्रशंसा की जिसने हाल में बिहार में संपन्न हुए खेलो इंडिया युवा खेलों 2025 में भारोत्तोलन में दो नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए. मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में कहा, ”भारोत्तोलन प्रतियोगिता में महाराष्ट्र की अस्मिता ढोने, ओडिशा के हर्षवर्धन साहू और उत्तर प्रदेश के तुषार चौधरी के शानदार प्रदर्शन ने सभी का दिल जीत लिया. ” पटियाला के नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनएसएनआईएस) में ट्रेनिंग कर रहे साहू ने कहा, ”मुझे बहुत हैरानी हुई जब प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में खेलो इंडिया के कुछ प्रतिभागियों के साथ मेरा नाम भी लिया. ”

उन्होंने कहा, ”उनके संबोधन से मेरा हौसला बढ़ा है और आने वाले टूर्नामेंट में मैं और बेहतर करने की कोशिश करूंगा. मैं उनका आभारी हूं. ” बरहमपुर कस्बे के हरदाखंडी निवासी हर्षवर्धन ने चार से 15 मई तक बिहार में आयोजित सातवें खेलो इंडिया युवा खेलों की अंडर 18 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और नया रिकॉर्ड बनाया. हर्षवर्धन ने 49 किग्रा वर्ग में स्नैच में 88 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में रिकॉर्ड 115 किग्रा वजन उठाया जिससे उनका कुल वजन 203 किग्रा रहा.

उन्होंने झारखंड के बाबूलाल हेम्ब्रोम के 202 किग्रा के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा. खेलो इंडिया में भाग लेने से पहले उन्होंने पेरू के लीमा में आयोजित विश्व युवा चैंपियनशिप में 197 किग्रा (स्नैच 87 किग्रा, क्लीन एंड जर्क 110 किग्रा) उठाकर कांस्य पदक जीता था.
हर्षवर्धन मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. एनएसएनआईएस में जाने से पहले वह पुणे स्थित ‘आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट’ (एएसआई) में ट्रेनिंग ले रहे थे. भारोत्तोलन में अर्जुन पुरस्कार विजेता के रवि कुमार ने कहा, ”देश के युवा भारोत्तोलकों विशेषक ओडिशा के युवा भारोत्तोलकों को प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में राज्य के युवा भारोत्तोलक हर्षवर्धन का नाम लिया है. ”

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