जगन्नाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू, सोमवार से फटी जींस-स्कर्ट और निकर पहनकर प्रवेश करने पर रोक

पुरी. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने 12वीं सदी के इस धार्मिक स्थल में हॉफ पेंट, फटी जींस, स्कर्ट और बिना आस्तीन वाले कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी और उनके लिए सोमवार से ‘ड्रेस कोड’ लागू कर दिया है. मंदिर के पदाधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने के लिए ‘शालीन परिधान’ पहनने होंगे, जो प्रदर्शन न करते हों. जैसे ही नया नियम लागू हुआ, पुरुषों को धोती-गमछा पहनकर 12वीं सदी के मंदिर में प्रवेश करते देखा गया, जबकि महिलाएं ज्यादातर साड़ी या सलवार कमीज में देखी गईं. उन्होंने कहा कि नव वर्ष से मंदिर परिसर में गुटखा और पान खाने तथा प्लास्टिक और पॉलिथीन का इस्तेमाल करने पर भी पूर्ण रोक लगा दी गई है.

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए ”शालीन वस्त्र” पहनने होंगे. हॉफ पैंट, फटी हुई जींस, स्कर्ट और बिना आस्तीन के कपड़े पहनने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस नियम के लागू होने से 2024 के पहले दिन मंदिर आ रहे पुरुष श्रद्धालुओं को धोती और तौलिया पहने हुए देखा गया और महिलाएं साड़ी या सलवार कमीज में नजर आईं.

एसजेटीए ने पहले इस संबंध में एक आदेश जारी किया था और पुलिस से इन पाबंदियों को लागू करने के लिए कहा था. अधिकारी ने बताया कि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में गुटखा और पान खाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसका उल्लंघन करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है.

इस बीच, नव वर्ष के दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए पुरी में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए देर रात एक बजकर 40 मिनट पर फिर से खोले गए ताकि नववर्ष पर भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. शाम पांच बजे तक करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किये.

पुरी पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”सोमवार को दोपहर 12 बजे तक 1,80,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने जगन्नाथ धाम के दर्शन किए. बिना किसी बाधा के दर्शन सुनिश्चित करने के साथ ही पुलिस दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शन की सुविधा सुनिश्चित कर रही है.” एसजेटीए और पुलिस ने श्रद्धालुओं के सुचारू दर्शन के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं.

सेंट्रल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आशीष कुमार सिंह ने कहा, ”पिछले साल इसी दिन के मुकाबले लगभग दोगुने से ज्यादा श्रद्धालु आज मंदिर के दर्शन कर चुके हैं. देवताओं के दर्शन देर रात एक बजकर 40 मिनट पर शुरू हुए और अब भी चल रहे हैं. देवी-देवताओं से जुड़ी रस्में निभाने के लिए कुछ वक्त तक दर्शन रोक दिए गए थे.” अधिकारियों ने बताया कि नव वर्ष पर शहर में यातायात संबंधी पाबंदियां लगायी गयी हैं.

भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में भी सोमवार से पान और तंबाकू उत्पादों के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. तंबाकू या पान चबाते पाए गए श्रद्धालुओं को 11वीं सदी के इस शिव मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. मंदिर में पॉलिथीन और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगायी गयी है.

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