नशे का पैसा ट्रूडो तक पहुंच रहा है, सिखों को बांटने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी: बिट्टू

नयी दिल्ली. कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भारत के साथ कनाडा के राजनयिक विवाद के बीच बृहस्पतिवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि कनाडा में बैठकर पंजाब में नशे के कारोबार चला रहे लोग वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो तक पैसा पहुंचा रहे हैं, इसलिए वह भारत-विरोधी बयान दे रहे हैं.

बिट्टू ने ”चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियों’ विषय पर चर्चा के दौरान कनाडाई प्रधानमंत्री द्वारा वहां की संसद में दिये गये एक बयान का मुद्दा उठाया और कहा कि सिखों को बांटने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पंजाब के लुधियाना से लोकसभा सदस्य ने इस मामले में सरकार की विदेश नीति का समर्थन करते हुए यह कहा कि भारत इतनी ताकत रखता है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को ‘र्सिजकल स्ट्राइक’ करके वापस लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी ट्रूडो के बयान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है.

उनका कहना था, ”मैं एक सिख हूं, इसलिए खड़ा हूं. सिख बहुत भावुक कौम है. इसलिए उसमें दरार डालने की कोशिश की जा रही है.” बिट्टू ने कहा, ”द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ था. कनाडा का प्रधानमंत्री हमारे देश और हमारे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ अपनी संसद में बोल रहे हैं.” बिट्टू ने आरोप लगाया कि पंजाब में नशे का जो खेल चल रहा है, वह सारा का सारा पैसा ट्रूडो के पास जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रूडो ने जो बयान दिया है, उससे कनाडा की छवि खराब होगी.

कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि पंजाब में जितनी हत्याएं हो रही हैं, उसके लिए जिम्मेदार गैंगस्टर कनाडा में बैठे हुए हैं. बिट्टू का कहना था कि कनाडा में सिख समुदाय के 99.5 प्रतिशत लोग इनके साथ नहीं हैं और सिर्फ आधे प्रतिशत लोग ही ट्रूडो के साथ हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ”सिखों को बांटने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी.” उन्होंने कनाडा में सात लाख भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं और लोगों का लाखों करोड़ रुपये लग चुके हैं, ऐसे में दोनों देशों के संबंध खराब होना ठीक नहीं है.

बिट्टू ने ट्रूडो पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”अगर उनका विमान खराब हो गया और तीन दिनों तक उन्हें यहां रुकना पड़ गया तो इसमें हमारी गलती तो नहीं है…इस संसद से आग्रह करते हैं कि उनके लिए एक नया विमान हम खरीद देते हैं.” उनका कहना था कि यूक्रेन के मामले पर भारत ने अपना एक रुख अपनाया और उसकी तकलीफ कई देशों को हुई है.

इसी साल जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद पैदा हुआ. भारत ने मंगलवार को इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.

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