ईडी ने ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में लालू प्रसाद के परिवार, अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने रेलवे में ‘नौकरी के बदले जमीन’ से संबंधित धन शोधन मामले में मंगलवार को अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी सांसद बेटी मीसा भारती और अन्य का नाम शामिल है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

आरोप-पत्र में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद की एक और बेटी हेमा यादव (40), परिवार के एक कथित ”नजदीकी सहयोगी” अमित कात्याल (49), रेलवे के पूर्व कर्मचारी हृदयानंद चौधरी, दो कंपनी ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड और दोनों कंपनी के साझा निदेशक शरीकुल बारी का भी नाम शामिल है.

सूत्रों ने कहा कि परिशिष्ट सहित 4,700 से अधिक पृष्ठों वाली शिकायत में सात आरोपियों को शामिल किया गया है. यह दिल्ली में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष दाखिल किया गया था जिसने मामले को 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी को आज ही आरोप पत्र और दस्तावेजों की ई-प्रति दाखिल करने का निर्देश दिया.

ईडी ने इस मामले में कात्याल को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था जबकि लालू प्रसाद को भी एजेंसी ने तलब किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक गवाही नहीं दी है. उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हालांकि एक बार एजेंसी के सामने पेश हो चुके हैं. संभावना है कि एजेंसी मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी.

ईडी इस मामले में राबड़ी देवी (68) और उनकी तीन बेटियां- मीसा भारती (47), चंदा यादव और रागिनी यादव, से पूछताछ कर चुकी है. मीसा भारती राजद की राज्यसभा सदस्य भी हैं. कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 सरकार में रेल मंत्री थे.

आरोप है कि 2004 से 2009 तक कई लोगों को भारतीय रेल के विभिन्न जोन में ‘ग्रुप डी’ के पदों पर नियुक्त किया गया और इसके बदले में इन लोगों ने अपनी भूमि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद एवं ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की थी.
ईडी ने पहले कहा था कि ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक ”लाभार्थी कंपनी” है और दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में इसके पंजीकृत पते का इस्तेमाल तेजस्वी यादव द्वारा किया जा रहा था. एजेंसी के मुताबिक, कात्याल इस कंपनी के निदेशक रह चुके हैं.

ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, तेजस्वी यादव और चंदा यादव के स्वामित्व वाली एक ”मुखौटा” या नकली कंपनी है और इसका पंजीकृत पता भी न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित बंगले का है. ईडी ने आरोप लगाया कि राबड़ी देवी और हेमा यादव ने रेलवे में नियुक्त लोगों से ”अवैध रूप से” हासिल किए गए चार भूखंड को ‘मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड’ को बेच दिया था. यह कंपनी राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना से संबंधित कंपनी है. इसके अलावा, राबड़ी देवी और हेमा यादव द्वारा प्राप्त ”अपराध की आय” को ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और भागीरथी ट्यूब्स को हस्तांतरित कर दिया गया.

ईडी ने पहले दावा किया था, ”राबड़ी देवी और हेमा यादव ने इन जमीन को 7.5 लाख रुपये की अधिग्रहण लागत के मुकाबले 3.5 करोड़ रुपये में बेच दिया, जिससे उन्होंने भारी मुनाफा कमाया.” एजेंसी ने आरोपपत्र में अदालत से आरोपियों के खिलाफ धन शोधन के अपराध के लिए मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है और इस मामले में पूर्व में कुर्क की गई संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है.

ईडी का मामला, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक शिकायत से संबंधित है. इस मामले में सीबीआई पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को पिछले साल अक्टूबर में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है.

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