
रांची/कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कोयला माफिया के खिलाफ धन शोधन से जुड़े मामले की जांच के तहत शुक्रवार को झारखंड और पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर छापेमारी की, जिसमें 10 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी एवं सोना जब्त किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि सुबह करीब छह बजे शुरू की गई छापेमारी के दौरान 40 से अधिक परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें संघीय जांच एजेंसी के लगभग 100 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए. अधिकारियों के मुताबिक, तलाशी के दौरान पश्चिम बंगाल में आठ करोड़ रुपये की नकदी और सोना जब्त किया गया, जबकि झारखंड में लगभग 2.2 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई. उन्होंने बताया कि झारखंड में तलाशी के दौरान जमीन से जुड़े लगभग 120 दस्तावेज भी जब्त किए गए.
अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय सुरक्षा बलों के दलों ने ईडी की विभिन्न टीम को सुरक्षा प्रदान की, जिन्होंने टोल संग्रह बूथ और जांच चौकियों के अलावा आवासों और कार्यालयों की तलाशी ली. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यह छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में कोयले की चोरी और तस्करी से संबंधित मामले की जांच के तहत लगभग 18 जगहों पर तलाशी ली गई.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने अनिल गोयल, संजय उद्योग, एल बी सिंह और अमर मंडल के नाम वाली संस्थाओं के ठिकानों पर छापेमारी की. उन्होंने बताया कि इस मामले में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी और तस्करी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा.
अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कोयले के कथित अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की जांच के तहत दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जिलों में लगभग 24 परिसरों की तलाशी ली गई. उन्होंने बताया कि जिन लोगों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली जा रही है, उनमें नरेन्द्र खड़का, युधिष्ठिर घोष, कृष्ण मुरारी कायल, चिन्मयी मंडल, राजकिशोर यादव और अन्य शामिल हैं.



