जानेमाने लोगों ने सरकार से नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में हवाई हमले नहीं करने का किया अनुरोध

नयी दिल्ली. देश के करीब 30 प्रसिद्ध लोगों ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ या अन्य किसी आदिवासी क्षेत्र में हवाई हमले नहीं कराये जाएं और सुरक्षा शिविरों, फर्जी मुठभेड़ों तथा सामूहिक गिरफ्तारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से बातचीत शुरू की जाए.

खबरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि 14 और 15 अप्रैल की दरमियानी रात को पुलिस ने माओवादियों को मार गिराने के मकसद से उनके गांवों के आसपास के जंगलों में बम गिराये और हवाई हमले किये.
इन लोगों ने उक्त खबरों का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा कि सरकार को छत्तीसगढ़ या अन्य किसी आदिवासी क्षेत्र में हवाई हमले नहीं कराने चाहिए. उन्होंने सरकार से यह अनुरोध भी किया है कि सुरक्षा शिविरों, फर्जी मुठभेड़ों और सामूहिक गिरफ्तारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के साथ बातचीत शुरू की जाए.

उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन पर ध्यान दिया जाए. एक से अधिक न्यायिक जांच में और सीबीआई, एनएचआरसी तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा इस स्पष्ट निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.’’ इन लोगों ने कहा कि सरकार को सरकेगुडा और एडेसमेट्टा में सुरक्षा बलों द्वारा सामूहिक रूप से लोगों के मारे जाने के बाद पीड़ितों के साथ न्याय करना चाहिए.

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस की तीस्ता सीतलवाड़, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की बेला भाटिया, आॅल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन्स एसोसिएशन की कविता कृष्णन और सहेली समूह की सदस्य वाणी सुब्रमण्यम आदि शामिल हैं.

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