हिंदी भाषा में सहज महसूस करती हूं : बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री
दुबई. अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, 2022 की विजेता गीतांजलि श्री का कहना है कि वह हिंदी भाषा में सहज महसूस करती हैं. उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां कहा, ‘‘इसी भाषा के जरिए मैं खुद को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त करना चाहती हूं.’’ गीतांजलि श्री ने 41वें शारजाह अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले (एसआईबीएफ) के दूसरे दिन संयुक्त अरब अमीरात के विभिन्न स्कूलों से बड़ी संख्या में आए छात्रों के साथ बातचीत की.
बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं ऐसे समय में पली-बढ़ी हूं, जब क्षेत्रीय शब्दावली बहुत अधिक आम थी. हिंदी मेरी सहज भाषा है और इसी भाषा के माध्यम से मैं खुद को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त करना चाहती हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी भाषाओं का अपना व्यापक समृद्ध इतिहास है और हम किसी एक की तुलना दूसरे से नहीं कर सकते. अंग्रेजी आज वैश्विक स्तर पर संचार के लिए एक प्राथमिक भाषा है, लेकिन भारत सहित अन्य देशों में कई तरह की भाषाएं और बोलियां हैं और हमें इन पर गर्व करना चाहिए.’’