पहले आलोचना अब बदले सुर, अग्निपथ योजना का पूरा समर्थन करेगी आम आदमी पार्टी

नयी दिल्ली/चंडीगढ़. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अग्निपथ योजना का ‘‘पूरा समर्थन’’ करेगी. पंजाब सरकार द्वारा भर्ती का समर्थन नहीं करने की खबरों के बीच केजरीवाल ने यह स्पष्टीकरण दिया है.

गौरतलब है कि आप ने पहले अग्निपथ योजना की आलोचना की थी और केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह सेना में भर्ती के इच्छुक उम्मीदवारों को सिर्फ चार साल नहीं बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दें. केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अग्निपथ योजना पर केंद्र के साथ हमारे मतभेद थे, लेकिन चूंकि केंद्र ने इसे लागू किया है, इसलिए हम योजना का पूरा समर्थन करेंगे. हम योजना और सेना के साथ पूरा सहयोग करेंगे.’’ बाद में, उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना पर ‘‘पूर्ण समर्थन’’ के लिए निर्देश दिए गए हैं.

इस घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री मान ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘सभी उपायुक्तों को भर्ती अभियान के लिए सैन्य अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. किसी भी ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे कि राज्य से अधिकतम उम्मीदवारों का चयन हो सके. गौरतलब है कि ‘अग्निपथ’ योजना 14 जून को घोषित की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है.

पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने सेना भर्ती अभियान को सहयोग देने का आश्वासन दिया
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को सेना के ‘अग्निपथ भर्ती’ अभियान को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया. सेना के क्षेत्रीय कार्यालय ने स्थानीय प्रशासन की ओर से सहयोग की कमी का हवाला देते हुए कहा था कि वह अपने मुख्यालय को भर्ती अभियान ‘‘स्थगित’’ करने का सुझाव देगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है.

सेना के जालंधर कैंट के क्षेत्रीय भर्ती अधिकारी ने पंजाब के मुख्य सचिव वी.के. जंजुआ और प्रधान सचिव (रोजगार सृजन) कुमार राहुल को पत्र लिखकर कहा था, ‘‘हम यह बात आपके ध्यान में लाने के लिए बाध्य हैं कि बिना किसी स्पष्ट प्रतिबद्धता के स्थानीय प्रशासन सहयोग को लेकर दुविधा में जान पड़ रहा है. वे सामान्य तौर पर चंडीगढ़ में राज्य सरकार के निर्देशों के अभाव या धन की कमी के कारण अपनी मजबूरी का हवाला दे रहे हैं.’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘अब हम यह बात आपके ध्यान में लाने के लिए मजबूर हैं कि जब तक उठाए गए मुद्दों पर लिखित रूप में स्पष्ट प्रतिबद्धताएं प्राप्त नहीं होती हैं, तब तक हम पंजाब राज्य में भविष्य की सभी भर्ती रैली और प्रक्रियाओं को स्थगित करने तथा वैकल्पिक तौर पर पड़ोसी राज्यों में भर्ती अभियान चलाने के संबंध में मामला सेना मुख्यालय के समक्ष उठाएंगे.’’ इस घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री मान ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि सभी उपायुक्तों को भर्ती अभियान के लिए सैन्य अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.

मान ने ट्वीट किया, ‘‘किसी भी ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा कि राज्य से अधिकतम उम्मीदवारों का चयन हो सके. इस बीच, राज्य सरकार को सेना के पत्र से जुड़े सवाल पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह मुद्दा उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग सेना में भर्ती होते रहे हैं. चीमा ने कहा, ‘‘हमने पहले भी ‘अग्निवीर’ योजना का विरोध किया था और आज भी हम इसका विरोध करते हैं.’’

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