विदेश मंत्रालय ने पन्नू मामले पर वाशिंगटन पोस्ट की खबर को ‘अवांछित, निराधार’ बताया

नयी दिल्ली. अमेरिका के अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की एक खबर में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश में एक भारतीय अधिकारी का नाम लिए जाने के एक दिन बाद, मंगलवार को भारत ने कहा कि खबर में एक गंभीर मामले में ”अवांछित और निराधार” आरोप लगाए गए हैं और मामले की जांच जारी है. अखबार ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से अमेरिका में पिछले साल पन्नू की कथित हत्या की साजिश के संबंध में एक रॉ अधिकारी का नाम लिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ”रिपोर्ट में एक गंभीर मामले में अवांछित और निराधार आरोप लगाए गए हैं.” उन्होंने कहा कि कथित साजिश पर अमेरिका द्वारा दी गई जानकारी की पड़ताल करने के लिए भारत द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय जांच समिति मामले में अब भी तफ्तीश कर रही है.

उन्होंने कहा, ”भारत सरकार ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों तथा अन्य के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार द्वारा साझा की गईं सुरक्षा चिंताओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जिसकी जांच जारी है.” जायसवाल ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, ”इस पर काल्पनिक और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों की जरूरत नहीं है.” ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर में रॉ के अधिकारी की पहचान विक्रम यादव के रूप में की गई है और आरोप लगाया गया है कि पन्नू को मारने की साजिश में वह शामिल थे.

पिछले साल नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिका में सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक आधिकारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था. भारत में आतंकवाद के आरोपों में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. उसे विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है.

इससे कुछ महीने पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर में ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता का दावा किया था. भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सात दिसंबर को संसद में कहा था कि भारत ने पन्नू मामले में अमेरिका से प्राप्त सूचना की जांच के लिए एक समिति गठित की है क्योंकि इस मामले से देश के राष्ट्रीय हित भी जुड़े हैं.

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