पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू निर्वाचन आयुक्त नियुक्त

नयी दिल्ली. लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा से पहले, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारियों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया. विधि एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उनके नामों की सिफारिश करने के लिए आज बैठक की.
अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने और आठ मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद निर्वाचन आयोग में ये पद खाली हो गए थे.

निर्वाचन आयोग का नेतृत्व राजीव कुमार कर रहे हैं. कुमार और संधू दोनों वर्ष 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. कुमार केरल और संधू उत्तराखंड कैडर से आते थे. दोनों के शुक्रवार को पदभार संभालने की उम्मीद है. चार राज्यों की विधानसभाओं के साथ लोकसभा-2024 चुनाव अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है. संकेत हैं कि निर्वाचन आयोग इस शुक्रवार को इन चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है.

इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए अपनाई र्गइ प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक असहमति नोट दिया. चयन समिति में सरकार द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री-गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता सदस्य हैं. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को जब निरस्त किया गया था तब कुमार गृह मंत्रालय में पदस्थापित थे.

कुमार को 2014 में दिल्ली में केरल के रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में तैनाती के दौरान राज्य सरकार द्वारा युद्धग्रस्त इराक के इरबिल में फंसी 46 नर्सों को निकालने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था. इराक से 183 भारतीयों को निकालने के साथ अभियान सफल रहा था, जिनमें से 70 केरल निवासी थे. आईआईटी कानपुर से स्नातक कुमार हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं. उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव संधू ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के विचार की देखरेख की थी. वह अमृतसर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हैं और इतिहास में मास्टर डिग्री भी हासिल कर चुके हैं. वह केदारनाथ मंदिर परिसर के पुर्निनर्माण प्रयासों की निगरानी करने में शामिल रहे थे.

संधू छह महीने के सेवा विस्तार के बाद जनवरी में उत्तराखंड के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पुष्कर सिंह धामी को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें 2021 में इस पद पर नियुक्त किया गया था.
पिछले माह संधू को एक साल के कार्यकाल के लिए लोकपाल सचिव नियुक्त किया गया था. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रमुख और केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं.

Related Articles

Back to top button