सरकार ने प्याज निर्यात पर लगी रोक का बचाव किया, कहा: किसानों और उपभोक्ताओं के हितों का संतुलन जरूरी
नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि कई बार इस बात को भी प्राथमिकता देनी चाहिए कि भारतीय उपभोक्ताओं को उचित दाम पर आवश्यक वस्तुएं मिलें. वह लोकसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य सुप्रिया सुले के बयान पर जवाब दे रही थीं.
भारत ने गत आठ दिसंबर को प्याज के निर्यात पर अगले साल मार्च तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि इसकी घरेलू उपलब्धता बढ. सके और इसके दाम नियंत्रित रखे जा सकें. इस समय देश में प्याज का मूल्य करीब 60 रुपये प्रति किलोग्राम है. सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों और उपभोक्ताओं के हितों का संतुलन बड़े ध्यान से करती है.
उन्होंने कहा, ”मैं इस संबंध में चिंताओं को समझती हूं, लेकिन यदि फसल की कमी है और प्याज जैसी आवश्यक वस्तु को बाजार में पहुंचाने में कठिनाई हो रही है तो हमें सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय उपभोक्ताओं को प्राथमिकता मिले और इसलिए कई बार हमें इस तरह के उपाय करने होते हैं.” राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने गत 11 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज किसानों के एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और मांग की थी कि प्याज पर निर्यात पर लगी पाबंदी तत्काल हटाई जाए.