आम लोगों पर कर भार कम से कम डालने की नीति पर काम करती है सरकार : निर्मला सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार आम लोगों पर कर का भार कम डालने की नीति पर काम करती है और इसका प्रमाण है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने एवं व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों के दौरान कोई नया कराधान नहीं किया गया जबकि जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा सहित 32 देशों में कर लगाया गया.

लोकसभा में ‘वित्त विधेयक 2022’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने यह बात कही. वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान और इससे उबरने के प्रयासों के दौरान सरकार का सतत रूख यह रहा कि व्यवस्था को पटरी पर लाने एवं सुधार के वित्त पोषण के लिये कोई अतिरिक्त कराधान नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि इसलिये पिछले समय में हमने कोई नया कर नहीं लगाया.
सीतारमण ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के करीब 32 देशों ने विभिन्न कर लगाए जिसमें व्यक्तिगत आय में वृद्धि, स्वास्थ्य कर और उत्पाद शुल्क आदि शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि इन देशों में जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन और रूस जैसे देश शामिल हैं जिन्होंने कोविड से निपटने एवं व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये कर का रास्ता अपनाया था. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे पास भी कोविड कर लगाने का कुछ वर्गों से सुझाव आया था लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. आयकर की सीमा कम नहीं करने संबंधी कांग्रेस सहित विपक्ष के आरोपों पर सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आम लोगों पर कर का बोझ नहीं डालने की नीति पर काम करती है.

उन्होंने कहा कि 1970 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों की आय पर भारी कर लगाया था और कर के मामले में कांग्रेस पार्टी ने लोगों की कभी ंिचता नहीं की. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सरकारी संशोधनों को स्वीकार करते हुए ‘वित्त विधेयक, 2022’ को मंजूरी दी.

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने कॉरपोरेट कर में कमी की और इसका लाभ अर्थव्यवस्था, सरकार और कंपनियों को हुआ है.
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कॉरपोरेट कर संग्रह 7.3 लाख करोड़ रूपये हुआ है. महंगाई को लेकर विपक्ष के आरोपों पर सीतारमण ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध की स्थिति के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और इसके कारण दुनिया के सभी देशों पर इसका प्रभाव पड़ा है और तेल सहित कीमतें प्रभावित हुई हैं.

उन्होंने कहा कि 1951 में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि कोरियाई युद्ध का भारत पर प्रभाव पड़ता है और चीजों की कीमतों पर इसका असर पड़ता है, अमेरिका में कुछ होता है तब यहां उसका प्रभाव पड़ता है. सीतारमण ने कहा कि 1951 में जब भारत दुनिया के देशों से वैसे नहीं जुड़ा था, जैसे आज जुड़ा है…उस समय वैश्विक घटनाओं का प्रभाव उचित ठहराया गया, तब आज क्यों नहीं ? वित्त मंत्री ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े विषयों पर निर्णय जीएसटी परिषद में लिये जाते हैं और केंद्र किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करता.

इस संबंध में कुछ विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों पर सीतारमण ने कहा कि राज्यों के साथ जीएसटी में भेदभाव के आरोप लगाने अब बंद कर देने चाहिए. सरकार किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार के खिलाफ कोई हथियार नहीं बचता तो इसे ही मुद्दा बनाने लगती है. क्रिप्टो करेंसी को लेकर उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा चल रही है और इस बीच सरकार ने इसके लेनदेन से आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि हमने छाते (अंब्रेला) पर सीमा शुल्क लगाने का फैसला किया है ताकि लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित किया जा सके. गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को सदन ने अगले वित्त वर्ष के बजट में विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के लिए प्रस्तावित अनुदानों की मांगों एवं उनसे संबंधित विनियोग विधेयक को ‘गिलोटिन’ (एक साथ बिना चर्चा) के माध्यम से मंजूरी दी थी. इसके बाद संसद में बजटीय प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को वित्त विधेयक को लोकसभा की मंजूरी के लिए रखा गया जिसे निचले सदन ने मंजूरी दे दी. वित्त विधेयक को मंजूरी बजटीय प्रक्रिया का अंतिम चरण है.

Back to top button

[poll id="2"]

This will close in 60 seconds