कन्नड़ पर हासन का बयान ”मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने” जैसा: उच्च न्यायालय
येदियुरप्पा ने कमल हासन से कहा- माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता, अहंकार से कोई बड़ा नहीं होता

बेंगलुरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कन्नड़ भाषा पर कमल हासन का बयान ”मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने” जैसा था, जिससे कर्नाटक में अशांति फैली. कर्नाटक में फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज के लिए सुरक्षा की मांग करने वाली अभिनेता की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की और सुनवाई 10 जून तक स्थगित कर दी. फिल्म की रिलीज तारीख पांच जून है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भाषा संबंधी बयान पर माफी नहीं मांगने के लिए कमल हासन की आलोचना की
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फिल्म अभिनेता और निर्माता कमल हासन की उस टिप्पणी के लिए मंगलवार को उनकी कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि ”कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है”. अदालत ने कहा कि एक बार माफी मांगने से समाधान निकल सकता था. सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा कि हासन के बयान से कर्नाटक के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. न्यायाधीश ने हासन के माफी मांगने से इनकार करने पर सवाल उठाया.
उच्च न्यायालय ने कहा, ”भाषा लोगों की भावनात्मक और सांस्कृतिक पहचान है.” अदालत ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है जो पूरे भाषाई समुदाय के गौरव को कमतर करती हो. न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा, ”क्या आप इतिहासकार या भाषाविद् हैं जो ऐसा बयान दें? कोई भी भाषा किसी दूसरी भाषा से पैदा नहीं होती. एक बार माफी मांगने से स्थिति का हल निकल सकता था.” आने वाली तमिल फिल्म ‘ठग लाइफ’ के चेन्नई में प्रचार कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर हासन द्वारा की गई इस टिप्पणी से कर्नाटक के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया, जिसके बाद कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) ने घोषणा की कि जब तक हासन माफी नहीं मांग लेते, तब तक राज्य में उनकी यह फिल्म प्रर्दिशत नहीं की जाएगी. इसके जवाब में, हासन द्वारा सह-स्थापित प्रोडक्शन कंपनी राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल ने फिल्म की रिलीज के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने लोगों के लिए कुछ तत्वों के भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा, ”किसी भी नागरिक को भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है. पानी, जमीन और भाषा – जल, नेला, बाशे – नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस देश का विभाजन ही भाषाई आधार पर हुआ था.” सी राजगोपालाचारी द्वारा इसी तरह का बयान दिए जाने और बाद में उसके लिए माफी मांगने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”….अगर राजगोपालाचारी 75 साल पहले सार्वजनिक रूप से माफी मांग सकते थे, तो आप (कमल हासन) क्यों नहीं मांग सकते? अपने व्यावसायिक हितों के लिए, आपने खुद की बनाई स्थिति के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए इस अदालत का रुख किया है.” याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि हासन की टिप्पणी को संदर्भ से परे उद्धृत किया गया था और इसका उद्देश्य अपमान करना नहीं था.
याचिका के अनुसार, यह बयान कन्नड़ अभिनेता शिव राजकुमार को संबोधित करते हुए दिया गया था, जिन्होंने बाद में यह कहते हुए हासन का बचाव किया कि उन्होंने हमेशा कन्नड़ और कर्नाटक के बारे में सकारात्मक बात की है. फिल्म निर्माण कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ध्यान चिन्नप्पा ने अदालत से कहा कि टिप्पणी ”बहुत गलत” नहीं थी और उन्होंने अदालत से फिल्म रिलीज की अनुमति देने का अनुरोध किया.
निर्माता कंपनी ने यह भी अनुरोध किया कि अधिकारियों को फिल्म की स्क्रीनिंग में किसी भी तरह के हस्तक्षेप को रोकने और कलाकारों, प्रदर्शकों और दर्शकों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया जाए. हालांकि, न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के रवैये पर चिंता व्यक्त की. न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा, ”आप कर्नाटक से करोड़ों रुपये कमाना चाहते हैं, लेकिन माफी नहीं मांगेंगे? आम नागरिकों को भी ऐसी टिप्पणियों के लिए कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ता है. आप अलग कैसे हैं?” न्यायालय ने कहा कि वह कानून के अनुसार आदेश पारित करेगा, लेकिन सुझाव दिया कि हासन स्थिति को शांत करने के लिए माफी मांगने पर विचार करें. सुनवाई अपराह्न 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. न्यायाधीश ने अंत में कहा, ”आपने अपने बयान से अशांति पैदा की है. इस पर विचार करें. यदि आप अब भी इस पर कायम रहना चाहते हैं, तो हम तद्नुसार निर्णय लेंगे.”
येदियुरप्पा ने कमल हासन से कहा- माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता, अहंकार से कोई बड़ा नहीं होता
कन्नड़ भाषा के बारे में “असंवेदनशील बातें” करने के लिए अभिनेता कमल हासन की आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी.एस येदियुरप्पा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें कन्नड़भाषियों और कर्नाटकवासियों से सम्मानपूर्वक माफी मांगनी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता और न ही अहंकार से कोई बड़ा होता है. अभिनेता से नेता बने हासन ने अपनी फिल्म ‘ठग लाइफ’ के प्रचार कार्यक्रम के दौरान हाल में कहा था कि “कन्नड़ का जन्म तमिल से हु आ है”, जिससे कन्नड़ समर्थक समूहों और सांस्कृतिक संगठनों में व्यापक आक्रोश फैल गया है. येदियुरप्पा ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘कन्नड़ सत्य है, कन्नड़ शाश्वत है’ यह न केवल कन्नड़ भाषी लोगों का जयघोष है, बल्कि यह कन्नड़भाषियों की देवी मां भुवनेश्वरी के प्रति कन्नड़ लोगों की प्रतिज्ञा भी है.
उन्होंने कहा, “कई वरिष्ठ भाषा विशेषज्ञों ने यह साबित किया है कि कन्नड़ की उत्पत्ति किसी विशिष्ट भाषा से नहीं हुई है. यह अत्यंत खेदजनक और निंदनीय है कि इतिहासकार और भाषा विशेषज्ञ न होने के बावजूद कलाकार कमल हासन ने कन्नड़ भाषा के बारे में असंवेदनशील बात कही है.” भाजपा ने कहा, “उनका व्यवहार अनावश्यक रूप से शांति, सद्भाव और एकता को बाधित करता है, जो सही नहीं है. अपनी राय व्यक्त करने के उत्साह में, उन्होंने करोड़ों कन्नड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, और उन्हें कन्नड़भाषियों और कन्नड़ लोगों से सम्मानपूर्वक माफी मांगनी चाहिए. माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता, न ही अहंकार से कोई बड़ा होता है.” हासन ने हाल में माफी मांगने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह कानून और न्याय में विश्वास करते हैं तथा कर्नाटक के लिए उनका प्रेम सच्चा है.