हसीना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए मोहम्मद यूनुस की आलोचना की

यूनुस ने 'बड़े देशों से जुड़े अभियान' का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया

नयी दिल्ली. बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न को लेकर देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर तीखा हमला करते हुए उन पर अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. हसीना ने न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए यूनुस पर ”नरसंहार” करने और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की तरह ही उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की साजिश रची गई थी. मुजीबुर रहमान की 1975 में हत्या कर दी गई थी. अगस्त में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण देश छोड़कर भारत में शरण लेने के बाद यह हसीना का पहला सार्वजनिक संबोधन था.

उन्होंने पांच अगस्त को ढाका में अपने आधिकारिक आवास पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा, ”हथियारबंद प्रदर्शनकारियों को ‘गणभवन’ की ओर भेजा गया. अगर सुरक्षार्किमयों ने गोलियां चलाई होतीं, तो कई लोगों की जान जा सकती थी. मुझे वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मैंने उनसे (सुरक्षार्किमयों) कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे गोलियां न चलाएं.” रविवार को आयोजित कार्यक्रम में हसीना ने कहा, ”आज मुझ पर नरसंहार का आरोप लगाया जा रहा है. वास्तव में, यूनुस एक सुनियोजित तरीके से नरसंहार में शामिल रहे हैं. इस नरसंहार के पीछे मुख्य षड्यंत्रकारी छात्र समन्वयक और यूनुस हैं.” हसीना ने कहा कि ढाका में मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है.

हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ”हिंदू, बौद्ध, ईसाई – किसी को भी नहीं बख्शा गया है. ग्यारह गिरजाघरों को ध्वस्त कर दिया गया है, मंदिरों और बौद्ध उपासनास्थलों को तोड़ दिया गया है. जब हिंदुओं ने विरोध किया, तो इस्कॉन नेता को गिरफ्तार कर लिया गया.” हसीना ने कहा, ”अल्पसंख्यकों पर यह अत्याचार क्यों हो रहा है? उन्हें क्यों सताया जा रहा है और उन पर हमला क्यों किया जा रहा है?” उन्होंने कहा, ”लोगों को अब न्याय पाने का अधिकार नहीं है… मुझे तो इस्तीफा देने का भी समय नहीं मिला.” हसीना ने कहा कि उन्होंने हिंसा रोकने के उद्देश्य से अगस्त में बांग्लादेश छोड़ दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

यूनुस ने ‘बड़े देशों से जुड़े अभियान’ का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया ताकि तत्कालीन शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए विद्रोह को बदनाम करने के लिए ”बड़े देशों की भागीदारी वाले अभियान” का मुकाबला किया जा सके. भारत के साथ तनाव के बीच राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यूनुस ने किसी देश का नाम नहीं लिया.

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि यूनुस ने तीन मुद्दों पर राजनीतिक नेताओं की राय मांगी, जिनमें भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में बांग्लादेश के खिलाफ चल रहा ”दुष्प्रचार”, अगरतला में बांग्लादेश मिशन पर हमला और हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों पर हमलों के आरोप शामिल हैं. यूनुस ने कहा कि जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह को नापसंद करने वाले लोग देश और विदेश में यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने के पीछे कुछ ”खतरनाक” वजह है.

उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि ”नए बांग्लादेश के खिलाफ अभियान अब घरेलू स्तर तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि बड़े देशों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है.” यूनुस के कार्यालय द्वारा जारी वीडियो में उन्हें राजनीतिक नेताओं से कहते हुए सुना गया, ”अब हमें पूरी दुनिया को बताना होगा कि हम एक हैं. हमने जो पाया, वह मिलकर हासिल किया. यह अब हमारे अस्तित्व का मुद्दा बन गया है.”

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