दक्षिण भारत में मिशनरियों से कहीं ज्यादा सेवा कार्य हिंदू आध्यात्मिक समुदाय ने किए: भागवत

जयपुर. राष्­ट्रीय स्­वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि देश के दक्षिण प्रांतों में हिंदू आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा किए गए समाज सेवा कार्य मिशनरियों के काम की तुलना में कहीं अधिक हैं. इसके साथ ही उन्­होंने कहा कि यह कोई स्पर्धा की बात नहीं है.

भागवत जयपुर के जामडोली में केशव विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा भारती के सेवा संगम के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्­होंने कहा कि समाज सेवा कार्यों की बात आने पर देश के प्रबुद्धजन आमतौर पर (ईसाई) म­शिनर­यिों की बात करते हैं. उन्­होंने कहा, ‘‘समाज सेवा की बात आने पर देश के प्रबुद्धजन सामान्यत: मिशनरियों का नाम लेते हैं. दुनिया भर में मिशनरी अनेक स्­कूल, अनेक अस्­पताल चलाते हैं यह सबको पता है. हिंदू समाज के संत-सन्­यासी भी ऐसा कर रहे हैं. इसी सोच के साथ चेन्­नई में हिंदू सेवा मेले का आयोजन किया गया. दक्षिण के कन्नड़-भाषी, तेलुगु-भाषी, मलयालम-भाषी और तमिल-भाषी चार क्षेत्रों में … केवल आध्­यात्मिक क्षेत्र के हमारे आचार्य मुनि, सन्­यासी सब मिलाकर जो सेवा करते हैं वह मिशनरियों के सेवा कार्यों से कई गुणा ज्­यादा है.’’

भागवत ने आगे कहा, ‘‘मैं स्­पर्धा की बात नहीं कर रहा. उनसे ज्­यादा, उनसे कम, यह मेरा पैमाना नहीं है. यह सेवा का पैमाना हो ही नहीं सकता.’’ उन्­होंने कहा कि सेवा से स्­वस्­थ समाज बनता है लेकिन स्­वस्­थ समाज तैयार करने से पहले वह पहले हमें स्­वस्­थ करती है. भागवत ने कहा, ‘‘सेवा मनुष्­य के मनुष्­यत्­व की स्­वाभाविक अभिव्­य­क्ति है.’’ इसके साथ ही भागवत ने समाज के पिछड़े वर्ग पर जोर देते हुए कहा कि हमें सबको समान मानकर इस पिछड़ने को दूर करना होगा.

समाज में व्­याप्­त पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए उन्­होंने कहा, ‘‘ हमारे समाज का केवल एक वर्ग पिछड़ा नहीं है बल्कि उसके कारण हम सब लोग पिछड़ गए हैं. हमें यह पिछड़ापन दूर करना है. हमें सभी को समान, अपने जैसा मानकर सेवा के माध्यम से उन्हें अपने जैसा बनाना है. हम इसके लिए संकल्­प ले सकते हैं, सेवा कर सकते हैं.’’

भागवत ने कहा,‘‘ हम सभी से मिलकर समाज बना है. यदि हम एक नहीं रहेंगे तो हम अधूरे हो जाएंगे. सबसे साथ मिलकर रहने से हम पूर्ण बनेंगे. लेकिन दुर्भाग्­य से यह विषमता आई है. हमको यह विषमता नहीं चाहिए.’’ कार्यक्रम में पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल मुख्य अतिथि थे जबकि संत बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज ने आशीर्वचन दिया. सेवा भारती के इस तीन दिवसीय संगम में देश भर से 800 से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के हजारों प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

 

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