जरूरत हुई तो सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड जांच अनिवार्य की जाएगी : मांडविया

अभी खत्म नहीं हुई कोरोना महामारी, सतर्क रहें एवं सुरक्षा उपायों का पालन करें : मांडविया

नयी दिल्ली. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए अपने यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत लोगों के नमूने बिना किसी क्रम के, आरटी-पीसीआर जांच के लिए लेने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गयी है और आवश्यक होने पर इसे सभी के लिए अनिवार्य करने पर विचार किया जा सकता है.

मांडविया वर्तमान में कोविड महामारी के हालात और भारत की तैयारियों पर राज्यसभा में अपने बयान के बाद कुछ विपक्षी सांसदों द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरणों का जवाब दे रहे थे. मंत्री ने यही बयान लोकसभा में भी दिया था. राज्यसभा में उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. चीन और भारत के बीच कोई सीधी उड़ान नहीं है, लेकिन लोग अन्य मार्गों से आते हैं.’’

आप सदस्य ने पूछा था कि क्या सरकार चीन में कोविड मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर वहां से आ रही सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध लगाएगी? मांडविया ने कहा कि एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने कई देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से इस बारे में बात की है कि क्या सभी सावधानियां बरतने की जरूरत है और महामारी किस दिशा में बढ़ रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिक स्तर पर, हमने भारत आने वाले विदेशी यात्रियों में से किन्ही दो प्रतिशत यात्रियों के नमूने जांचके लिए लेने शुरू कर दिए हैं. आने वाले दिनों में यह प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है और आवश्यक होने पर हम इसे भारत आने वाले सभी लोगों के लिए अनिवार्य कर देंगे.’’ मांडविया ने यह भी कहा कि सरकार का ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि वायरस का कोई अज्ञात स्वरूप भारत में प्रवेश न कर पाए और साथ ही यात्रा करने में बाधा भी न हो.

उन्होंने उच्च सदन को आश्वासन दिया कि सभी आॅक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं और दवाओं की उपलब्धता के बारे में भी समीक्षा की गई है. उन्होंने कहा कि देश में दवाओं की कमी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में दवाओं और टीकों की जरूरत पूरी करने के लिए तैयार हैं.’’ मांडविया ने यह भी बताया कि एक विशेषज्ञ समिति ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए नाक के टीके को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद सुई से लगाए जाने वाले टीके की जरूरत खत्म हो गई है.

उन्होंने कहा ‘‘हम वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.’’ कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के दौरान उचित कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लिखे गए पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में यह उनकी जिम्मेदारी थी. उन्होंने बताया कि राज्य के कुछ सांसदों द्वारा उन्हें रैली में लोगों की भीड़ उमड़ने के बारे में बताया गया.

उन्होंने कहा कि रैली में शामिल हुए कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे . उन्होंने कहा कि रैली में शामिल हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. मांडविया ने जोर देकर कहा, ‘‘हमने कभी भी कोविड संकट पर राजनीति नहीं की है और हम ऐसा करना भी नहीं चाहते.’’ उन्होंने अपने बयान में कहा कि भारत में एक साल में कोविड महामारी के मामलों में सतत कमी आई है और अभी औसतन प्रतिदिन 153 नये मामले दर्ज किये जा रहे हैं, जिसकी तुलना में दुनिया में प्रतिदिन 5.87 लाख नये मामले सामने आ रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, इटली और यूनान जैसे कई देशों में कोविड से मृत्यु के मामलों में वृद्धि हुई है. साथ ही चीन में कोविड से संक्रमण और मृत्य के बढ़ते मामलों की खबरें भी मीडिया में आ रही हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्यों ने मिलकर कोविड रोधी टीके की 220.2 करोड़ खुराक लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया है और पात्रता वाली 90 प्रतिशत आबादी को दोनों टीके एवं 22.35 करोड़ आबादी को ऐहतियाती टीके लग चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 के नियमन एवं नियंत्रण के लिये हम लगातार प्रयत्न कर रहे हैं और संकल्पित हैं तथा इसके लिये सभी जरूरी कदम उठाये जायेंगे.’’ मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार और पूरे समाज के साथ पूर्ण सक्रियता के साथ इसका प्रबंधन किया और इसके अच्छे परिणाम भी मिले हैं.

उन्होंने कहा कि राज्यों को इस मामले में तकनीकी सहायता के साथ ही राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना आदि के माध्यम से राज्यों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के बदलते स्वरूप ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के समक्ष जो चुनौती पैदा की, उसे लेकर सरकार हमेशा प्रयत्नशील रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार, वैश्विक स्थिति पर नजर रख रही है. सार्वजनिक स्वास्थ्य के सामने आ रहीं चुनौतियों पर सरकार लगातार कदम उठा रही है. राज्यों को भी सामुदायिक निगरानी बढ़ाने के लिए सलाह दी जा रही है.’’ मंत्री ने कहा कि राज्यों को संक्रमण के सभी मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने की सलाह दी गई है ताकि वायरस का कोई नया स्वरूप आने पर इसकी समय पर पहचान की जा सके एवं कड़े कदम उठाये जा सकें.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये प्रयास जारी रखना होगा और लोगों को यह बताना होगा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और टीका लेने के साथ सभी को सतर्क रहने की भी जरूरत है.’’ मांडविया ने कहा, ‘‘कोविड रूपी हमारा यह दुश्मन समय-समय पर अपना स्वरूप बदल रहा है. हमें एक साथ मिलकर दृढ़संकल्प के साथ लड़ाई जारी रखनी होगी.’’ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को एहतियात खुराक बढ़ाने और इसके प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए.

उनके जवाब के बाद तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि सरकार को कोविड महामारी की रोकथाम के लिए कुछ और भी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को विशेष राहत प्रदान करे ताकि वे कोविड के हालात से बेहतर तरीके से निपट पाएं. द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने जानना चाहा कि सरकार ने महामारी की अगली लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी की है.

तमिल मनीला कांग्रेस के सदस्य जी के वासन ने कहा कि कई लोगों ने कोविड टीके की ऐहतियाती खुराक अब तक नहीं ली है.
स्पष्टीकरणों के जवाब में मांडविया ने कहा कि न केवल चीन से बल्कि किसी भी देश से आने वाले यात्रियों में से दो फीसदी की ‘‘औचक जांच’’ आज से शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि वह महामारी के कारण उत्पन्न हो रहे हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में सभी अस्पतालों में दवाएं पर्याप्त मात्रा में हैं और आॅक्सीजन की भी कमी नहीं है तथा सिलेंडर तैयार रखे गए हैं.

मांडविया ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करता है और यही वजह है कि भारत ने 150 देशों को दवाएं भेजी और वह भी कीमत बढ़ाए बिना. उन्होंने कहा कि हमारी भेजी गई दवाएं हानिकारक भी नहीं निकलीं. उन्होंने कहा कि तैयारियां पूरी हैं लेकिन वायरस लगातार अपनी प्रकृति बदल रही है. उन्होंने कहा,‘‘हमें मिल कर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना है. पहले भी सबके सहयोग से हमने इस चुनौती से पार पाया है, आगे भी पार पाएंगे.’’

सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह उपराष्ट्रपति के तौर पर और उससे पहले जिस भी देश में गए, वहां उन्हें कोविड महामारी से निपटने के भारत के प्रयासों की और स्वास्थ्य मंत्री की तारीफ सुनने को मिली. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते संसद सदस्यों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. उन्होंने सदस्यों से सावधनियां बरतने, पूरी तरह सतर्क और जागरुक रहने तथा कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का भी अनुरोध किया.

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