भारत-ईएफटीए समझौता: भारतीय बाजार में सस्ती होंगी स्विस घड़ियां, चॉकलेट

भारत-ईएफटीए व्यापार समझौते से कारोबार, निवेश को मिलेगा बढ़ावा: उद्योग जगत

नयी दिल्ली. भारत ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पादों पर क्रमिक रूप से सीमा शुल्क को समाप्त कर देगा. इससे घरेलू ग्राहकों को कम कीमत पर इन उत्पादों तक पहुंच मिलेगी.

भारत और चार-यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए ने आपसी व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए रविवार को एक व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए. यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य आइसलैंड, लीशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं.

विभिन्न देशों में इस समझौते को मंजूरी देने की विस्तृत प्रक्रिया के कारण इसे लागू होने में एक साल तक का समय लगेगा.
एक अधिकारी ने कहा, “हम स्विस घड़ियों और चॉकलेट पर शुल्क रियायतें दे रहे हैं.” स्विट्जरलैंड के कुछ प्रसिद्ध घड़ी ब्रांड्स में रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर हैं.

स्विट्जरलैंड का ब्रांड नेस्ले भारतीय एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुएं) बाजार की प्रमुख कंपनी और चॉकलेट निर्माता है. यह भारतीय एफएमसीजी खंड में तीसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है. आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) द्वारा किए गए टीईपीए दस्तावेजों के विश्लेषण के अनुसार, भारत ने समझौते के तहत स्विट्जरलैंड से आयातित कई उत्पादों पर शुल्क रियायत दी हैं.

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “भारत ने सात से 10 वर्षों में कई स्विस सामानों पर शुल्क हटाने का फैसला किया है. इससे भारतीय ग्राहकों को कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद मिल सकेंगे.”

भारत-ईएफटीए व्यापार समझौते से कारोबार, निवेश को मिलेगा बढ़ावा: उद्योग जगत

भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का उद्योग जगत ने स्वागत किया और कहा कि यह समझौता देश में इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण और परिधान जैसे क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा.

भारत ने रविवार को यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत भारत को इन चार यूरोपीय देशों से अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मिली है. ईएफटीए में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लीशटेंस्टीन शामिल हैं. तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि समझौते से आपसी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय परिधान निर्यातकों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

शक्तिवेल ने कहा, “निवेश प्रतिबद्धता से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा.” उद्योग निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा कि 100 अरब डॉलर के निवेश के लिए ईएफटीए सदस्यों की प्रतिबद्धता से इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा. इसी तरह के विचार साझा करते हुए व्यापार विशेषज्ञ और हाई-टेक गियर्स के अध्यक्ष दीप कपूरिया ने कहा कि ईएफटीए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक ब्लॉक है, क्योंकि यह वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में दुनिया के शीर्ष दस में शामिल है.

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