भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में परिवर्तन का दौर देख रहा है: राजनाथ

नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में परिवर्तन का दौर देख रहा है और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए कि उनकी कंपनियां दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में शुमार हों. रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में अपने भाषण में कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य रखा है जिसमें 35,000 करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है.

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम 70-80 प्रतिशत के योगदान के साथ इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सिंह ने रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों के अध्यक्षों एवं प्रबंध निदेशकों तथा गैर आधिकारिक निदेशकों से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें कि उनकी कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करें.

सिंह ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया, 2020 के तहत रक्षा उपकरणों/प्लेटफॉर्म की खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने सहित आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों; आॅफसेट दिशा-निर्देशों में लचीलापन; स्वचालित रूट के तहत एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने और सरकारी रूट के तहत 100 फीसदी तक की वृद्धि करने; लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण; रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवोन्मेष (आईडीईएक्स) पहल की शुरुआत तथा रक्षा क्षेत्र में कृत्रिम मेधा का उपयोग बढ़ाने को रेखांकित किया.

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