भारत में आज एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनकी देश के संत समुदाय ने कामना की थी: हिंदू आध्यात्मिक गुरु

वाशिंगटन. हिंदू आध्यात्मिक गुरु स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि भारत में आज एक ऐसे प्रधानमंत्री और एक ऐसी सरकार है, जिसकी देश के संत समुदाय ने लंबे समय से कामना की थी. उन्होंने कहा कि अब देश को समान नागरिक संहिता, शिक्षा का अधिकार और मतदान अनिवार्य करने जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

हरिद्वार स्थित जूना अखाड़े के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरि ने एक साक्षात्कार में कहा कि 21वीं सदी में खासकर कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से, हिंदू सभ्यता धर्मांतरण या इस प्रकार की अन्य गतिविधियों के माध्यम से नहीं बल्कि आयुर्वेद, योग और शाकाहार तथा ‘वीगन’ जैसी भोजन की आदतों के कारण दुनिया भर में फैली है. भारतीय आध्यात्मिक गुरु न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह का नेतृत्व करने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में आज एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं और एक ऐसी सरकार है, जिसकी देश के संत समुदाय ने लंबे समय से कामना की थी.

स्वामी अवधेशानंद गिरि ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मुझे अब मेरी पसंद के प्रधानमंत्री मिले हैं. आज देश में ऐसी सरकार है, जिसकी मैंने कल्पना की थी.’’ उन्होंने महिलाओं तथा अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों के अलावा अन्य बुनियादी ढांचों के साथ-साथ देश में रिकॉर्ड स्तर पर सड़क निर्माण कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब प्रधानमंत्री मोदी के सुशासन में एक परिवर्तनकारी विकास के दौर से गुजर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप मुस्लिम महिलाओं से पूछें कि उन्हें इस सरकार और प्रधानमंत्री से क्या मिला है, तो वे कहेंगी कि उन्हें सम्मान, स्वाभिमान और जीने का अधिकार मिला है.’’ उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के पास आज पारदर्शी और विकासोन्मुखी नीतियां हैं, सरकार ने सभी लोगों के लिए काम किया है.

स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, ‘‘ मैं सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं, लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री और उनका शासन वैसा ही है, जिसकी हमने कल्पना और कामना की थी.’’ गिरि ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश को प्राथमिकता के आधार पर अब तीन विषयों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, पहला समान नागरिक संहिता, दूसरा शिक्षा का अधिकार और अंत में मतदान का अधिकार, जिसके तहत प्रत्येक नागरिक के लिए मतदान करना अनिवार्य हो.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button