नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत से लापता भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू गंभीर हालत में जीवित मिले

अन्नपूर्णा पर्वत से सुरक्षित निकाली गई भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर कोरोना वायरस से संक्रमित

काठमांडू. नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत से एक गहरी हिम दरार में गिरने के बाद सोमवार से लापता भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू बचावकर्ताओं को गंभीर हालत में जीवित मिले हैं. पर्वतारोही के भाई ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. राजस्थान के किशनगढ़ निवासी मालू (34) सोमवार को शिविर तीन से उतरते समय करीब 6,000 मीटर की ऊंचाई से गिरने के बाद लापता हो गए थे. अन्नपूर्णा पर्वत दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची पर्वत चोटी है.

मालू के भाई सुधीर ने कहा, ‘‘वह जीवित मिल गए हैं. उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब उनके उपचार पर ध्यान केंद्रित करना होगा.’’ ‘माई-रिपब्लिका न्यूज पोर्टल’ की एक खबर के अनुसार आॅपरेटर ‘‘सेवन समिट ट्रेक्स’’ ने पुष्टि की कि अनुराग सात नेपाली पर्वतारोहियों को करीब 300 मीटर नीचे खाई में जीवित मिले. खबर के अनुसार, उन्हें (मालू) पोखरा के मणिपाल अस्पताल ले जाया गया है.

‘‘सेवन समिट ट्रेक्स’’ के महाप्रबंधक थानेश्वर गुरगैन ने बताया, ‘‘उनकी हालत नाजुक है. चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं.’’ ‘‘सेवन समिट ट्रेक्स’’ के अध्यक्ष ंिमगमा शेरपा ने कहा कि छांग दावा के नेतृत्व में छह शेरपा पर्वतारोहियों की एक टीम ने तलाशी अभियान चलाया और उन्हें बृहस्पतिवार सुबह लगभग 300 मीटर गहरी खाई में पाया.

इस बीच, किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने कहा कि वह मालू परिवार के लगातार संपर्क में हैं. वह बृहस्पतिवार को उनके (मालू) पिता ओमप्रकाश व परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने भी गए. पर्वतारोही अनुराग के परिजनों को जैसे ही उनके मिलने की जानकारी मिली उन्होंने राहत की सांस ली.

उन्होंने कहा कि अनुराग को नया जीवन मिला है. हालांकि, वे अभी भी उसकी गंभीर स्थिति को लेकर ंिचतित हैं. मालू, संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने और जागरूकता फैलाने के लिए सातों महाद्वीपों के 8,000 मीटर की ऊंचाई वाली सभी 14 पर्वत चोटियों को फतह करने के अभियान पर थे.

अन्नपूर्णा पर्वत से सुरक्षित निकाली गई भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर कोरोना वायरस से संक्रमित
नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत से सुरक्षित निकाली गईं भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही बलजीत कौर कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गई हैं. अभियान के एक आयोजक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें अस्पताल से एक या दो दिनों में छुट्टी मिलने की संभावना है.

कौर (27) अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर से उतरते समय ‘चौथे कैंप’ के पास से लापता होने के एक दिन बाद मंगलवार को सकुशल मिल गईं थीं. एक हवाई खोज दल ने ‘चौथे कैंप’ के पास उनका पता लगाया था और उन्हें काठमांडू ले आया था. वह शीतदंश (फ्रॉस्टबाइट) से पीड़ित थीं और उन्हें काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीआईडब्ल्यूईसी अस्पताल ले जाया गया.

अभियान का आयोजन करने वाले ‘पायनियर एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड’ के अध्यक्ष पसांग तेनजे शेरपा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘वह कोविड-19 से उबर रही हैं. सीआईडब्ल्यूईसी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें पृथकवास में रखा गया है.’’ शेरपा ने बताया, ‘‘वह एक अच्छी पर्वतारोही हैं और पूरी तरह से ठीक होने के बाद वह धौलागिरी के लिए रवाना होंगी.’’ कौर (27) दो दिन पहले अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर से उतरते समय ‘चौथे कैंप’ के पास से लापता हो गई थीं जिसके बाद उनकी तलाश शुरू की गई थी. हवाई खोजी दल ने कौर को शिविर-4 की ओर अकेले उतरते देखा था.

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