स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव कराने का भारत का संकल्प लोकतांत्रिक प्रणाली के सामर्थ्य को दिखाता है :विदेश मंत्री एस जयशंकर

नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की भारत की प्रतिबद्धता इसकी लोकतांत्रिक प्रणाली के ”सामर्थ्य और अनुकूलन क्षमता” को रेखांकित करती है, जिससे पता चलता है कि जटिलताओं के बीच भी हर नागरिक की आवाज मायने रखती है.

उन्होंने बुधवार को एक वीडियो संदेश में दक्षिण कोरिया में आयोजित हो रहे ‘लोकतंत्र शिखर सम्मेलन’ के तीसरे संस्करण में भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय वक्तव्य दिया. जयशंकर ने कहा कि इस वर्ष की थीम ‘भविष्य की पीढि.यों के लिए लोकतंत्र’ वह है जो न केवल भारत की सीमाओं के भीतर बल्कि दुनिया भर में गूंजती है.

उन्होंने कहा, ”गहन दार्शनिक परंपराओं के बीच फली फूली भारत की प्राचीन सभ्यता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए गहरा सम्मान उन लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए आधार तैयार करता है, जिन्हें हम आज संजोते हैं. हमारे प्राचीन ग्रंथों के पवित्र श्लोकों में, हम लोकतांत्रिक सिद्धांतों की प्रतिध्वनि पाते हैं जो भागीदारी वाले शासन, व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा और पूरे समाज के कल्याण की वकालत करते हैं.” जयशंकर ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद के दौर में तेजी से आगे बढ.ते हुए, लोकतांत्रिक विचारों की समृद्ध विरासत से प्रेरित भारत के संविधान निर्माताओं ने ”सावधानीपूर्वक” एक दस्तावेज तैयार किया, जो आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए ”पथ प्रदर्शक” के रूप में काम कर रहा है.

उन्होंने कहा, ”भारतीय संविधान, बहुलवाद और समावेशिता का एक प्रतीक है. यह एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने के संस्थापकों के विश्वास का प्रमाण है, जहां प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्राप्त होते हैं. हमारे इतिहास में निहित चर्चा, विमर्श और सर्वसम्मति बनाने की भावना हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं में जान फूंकती रहती है.”

जयशंकर ने कहा, ”भारत की विविधता में हमें लोकतंत्र की एक सम्मोहक कथा मिलती है, जो तकनीकी प्रगति और चुनावों को अधिक समावेशी बनाने के ठोस प्रयास के साथ जुड़ी हुई है. यह ऐसी कहानी है जो भविष्य की पीढि.यों के लिए वादा करती है.” उन्होंने कहा कि ”स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की भारत की प्रतिबद्धता इसकी लोकतांत्रिक प्रणाली के सामर्थ्य और अनुकूलन क्षमता को रेखांकित करती है. यह दर्शाती है कि जटिलताओं के बीच भी, प्रत्येक नागरिक की आवाज मायने रखती है.”

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने 16 मार्च को नयी दिल्ली में कहा कि 97 करोड़ से अधिक मतदाता 2024 के लोकसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं. केंद्रीय मंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ”96.8 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं, 1.5 करोड़ चुनाव अधिकारियों और 12 लाख मतदान केंद्रों के साथ भारत का 18वां आम चुनाव दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी चुनावी कवायद है.”

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