इंदौर: पर्चा वापस लेने वाले कांग्रेस उम्मीदवार पर दर्ज मामले में हत्या के प्रयास का आरोप जोड़ा

इंदौर. इंदौर की एक अदालत ने एक अर्जी मंजूर करते हुए स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले एक व्यक्ति पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ने का आदेश दिया है. आरोपियों को एक सत्र न्यायालय के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश दिया गया है. बम, कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सोमवार को इंदौर लोकसभा सीट से अपना पर्चा वापस लेकर भाजपा का दामन थामने के कारण चर्चा में हैं. सोमवार (29 अप्रैल) को उम्मीदवारों के पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख थी.

जिस अर्जी पर बम की कानूनी मुश्किलें बढ़ी हैं, वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी घोषित होने के महज 13 दिन बाद पांच अप्रैल को दायर की गई थी. बम को 23 मार्च की देर रात घोषित सूची में कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के खिलाफ यूनुस पटेल नाम के व्यक्ति पर चार अक्टूबर 2007 को जमीन विवाद में हमले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी भारतीय दंड विधान की धारा 294 (गाली-गलौज), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकाना) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी. पटेल का आरोप है कि घटना के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर 12 बोर की बंदूक से गोली भी दागी थी.

पटेल ने इस आरोप को लेकर एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के सामने अर्जी दायर की थी जिसे मंजूर करते हुए अदालत ने 24 अप्रैल को आदेश दिया कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी जाए.

जेएमएफसी ने बम और उनके पिता कांतिलाल को 10 मई को एक सत्र न्यायालय के सामने पेश होने का आदेश भी दिया है.
गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की मृत्यु हो चुकी है, जबकि मामले के दो अन्य आरोपी सोहन उर्फ सोनू और मनोज फरार चल रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक घटना के बाद मौके से 12 बोर की बंदूक और दागी गई गोली का खोखा बरामद किया गया था.

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