इंफोसिस साइंस फाउंडेशन ने प्रतिष्ठित इंफोसिस पुरस्कार के विजेताओं के नाम घोषित किए

बेंगलुरु. ‘इंफोसिस साइंस फाउंडेशन’ (आईएसएफ) ने भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए छह लोगों को प्रतिष्ठित इंफोसिस पुरस्कार 2023 देने की बुधवार को घोषणा की. विजेता छह श्रेणियों- इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान, भौतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में चुने गए हैं.

इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटर विज्ञान के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर में सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग (एसईई) के प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी को चुना गया है. इन्हें व्यापक पैमाने पर संवेदी आधारित वायु गुणवत्ता नेटवर्क तथा मोबाइल लैबोरेटरी स्थापित करने के लिए इस पुरस्कार के वास्ते चुना गया है.

‘ूमैनिटीज (मानविकी) के लिए साइंस गैलरी बेंगलुरु की संस्थापक निदेशक जाह्नवी फाल्के को चुना गया है. लाइफ साइंस (जीवन विज्ञान) के लिए आईआईटी-कानपुर में बायलॉजिकल साइंस एवं बायोइंजीनियरिंग के प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला को पुरस्कृत किया जाएगा. इन्हें जी-प्रोटीन युग्मित रिसेप्टर (जीपीसीआर) जीव विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट और दूरगामी योगदान के लिए ये पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.

गणितीय विज्ञान (मैथमैटिकल साइंसेज) के क्षेत्र में यह पुरस्कार इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी एंड प्रस्िंटन यूनिर्विसटी में फ.र्नहोल्ज. संयुक्त प्रोफेसर भार्गव भट्ट को प्रदान किया जाएगा. इन्हें अंकगणितीय ज्यामिति और क्रमविनिमेय बीजगणित में आधारभूत योगदान के लिए यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई.

भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में इस बार मुकुंद थताई को इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. वह नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलॉजिकल साइंस में बायोकेमेस्ट्री, बायोफिजिक्स और बायोइंफॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर हैं. सामाजिक विज्ञान (सोशल साइंजेंस) के क्षेत्र में कोलंबिया विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर करुणा मंतेना का नाम तय किया गया है. उन्हें साम्राज्यवादी शासन के सिद्धांत पर अभूतपूर्व शोध के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा.

प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार के तौर पर एक स्वर्ण पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 1,00,000 अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की जाएगी. पुरस्कार 13 जनवरी को प्रदान किए जाएंगे. आईएसएफ ने कहा कि वर्ष 2008 में इंफोसिस पुरस्कारों की शुरुआत हुई और वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान देने वालों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

‘इंफोसिस पुरस्कार’ 2023 के लिए विजेताओं का चयन एक अंतरराष्ट्रीय समिति ने किया जिसमें विश्व विख्यात शिक्षाविद् और विशेषज्ञ शामिल थे. इन पुरस्कारों के लिए 224 उम्मीदवार थे. पिछले 15 वर्ष में आईएसएफ ने कुछ बेहद अहम शोध आदि की पहचान की जिन्होंने इंसान के जीवन के प्रत्येक पहलू में योगदान दिया है.

इसमें दावा किया गया है कि ‘इंफोसिस पुरस्कार’ वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा पुरस्कार है जो विज्ञान और अनुसंधान में उत्कृष्टता को मान्यता देता है. आईएसएफ के न्यासियों – एस गोपालकृष्णन (अध्यक्ष, न्यासी मंडल), एन आर नारायण मूर्ति, श्रीनाथ बटनी, के दिनेश और एसडी शिबुलाल ने ‘इंफोसिस पुरस्कार’ 2023 के विजेताओं की घोषणा की. नंदन एम नीलेकणि, टी वी मोहनदास पई और सलिल पारेख भी आईएसएफ के न्यासी हैं.

गोपालकृष्णन ने कहा, ”यह वर्ष इंफोसिस साइंस फाउंडेंशन की यात्रा के लिए बेहद अहम है. 15 साल की अवधि में इंफोसिस पुरस्कार ने उन शोधकर्ताओं को सम्मानित किया जिन्होंने विभिन्न विषयों में प्रभावशाली, अभूतपूर्व कार्य किया है….” नारायण मूर्ति ने कहा,” सीखना, रचनात्मकता और नवोन्मेष तेजी से बदलती दुनिया के साथ तालमेल रखने के तरीके हैं.”

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