ईरान ने अपने वायुसेना अड्डा, परमाणु स्थल के बचाव में इजराइली ड्रोन पर गोलाबारी की

दुबई. ईरान में संभवत: इजराइल की ओर से शुक्रवार तड़के ड्रोन हमला किये जाने पर एक वायुसेना अड्डा और परमाणु स्थल के बचाव में ईरानी सैनिकों ने वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया. इस ड्रोन हमले को, ईरान के अप्रत्याशित ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद इजराइल की जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है. माना जा रहा है कि ईरान के अप्रत्याशित ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद ये ड्रोन इजराइल की ओर से दागे गए.

ईरान के किसी भी अधिकारी ने इस आशंका को प्रत्यक्ष रूप से स्वीकार नहीं किया है कि इजराइल ने हमला किया है. इजराइली सेना ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध और सीरिया में ईरान को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बीच शनिवार को इजराइल पर हमले होने के बाद से तनाव बढ़ गया है. कैप्री द्वीप (इटली) पर जी-7 समूह देशों की बैठक में इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि अमेरिका को इस्फहान पर हमले के बारे में इजराइल से आखिरी क्षणों में सूचना मिली थी.

हालांकि, अमेरिका के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अमेरिकी ब्रॉडकास्ट नेटवर्क ने कुछ अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि इजराइल ने हमला किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के 85वें जन्मदिन पर हमले के दावे के लिए कुछ इजराइली अधिकारियों का हवाला दिया, लेकिन उनका नाम नहीं बताया. ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबर के अनुसार, कई प्रांतों में आसमान में ड्रोन नजर आने की रिपोर्ट को लेकर वायु रक्षा प्रणाली ने गोलाबारी की.

ईरान के सैन्य कमांडर जनरल अब्दुलरहीम मूसावी ने कहा कि सैनिकों ने आसमान में दिखे कई ड्रोन को निशाना बनाया. मूसावी ने कहा, ”इस्फहान के आसमान में आज सुबह हुआ विस्फोट एक संदिग्ध वस्तु पर हवाई रक्षा प्रणाली के हमलों से हुआ था, जिसमें कोई नुकसान नहीं हुआ.” अधिकारियों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने इस्फहान में वायुसेना अड्डा के बचाव में गोलाबारी की. वहां लंबे समय तक अमेरिका निर्मित एफ-17 टॉमकैट्स के बेड़े को रखा गया था. इन लड़ाकू विमानों को 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदा गया था.

इस्फहान में चीन द्वारा आपूर्ति किये गए तीन अनुसंधान परमाणु रिएक्टर हैं, हालांकि ये छोटे आकार के हैं. वहां ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के लिए ईंधन उत्पादन की गतिविधियां भी होती हैं. इस्फहान में ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थल भी हैं जिनमें भूमिगत ‘नतांज’ संवर्धन स्थल शामिल है, जिस पर संदिग्ध इजराइली हमले बार-बार होते रहे हैं.

सरकारी टेलीविजन ने क्षेत्र के सभी परमाणु स्थलों को ‘पूरी तरह सुरक्षित’ करार दिया. संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने भी कहा, ”घटना के बाद ईरान के परमाणु स्थलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है.” आईएईए ने सभी से पूरी तरह संयम बरतते रहने को कहा है. अर्ध सरकारी समाचार एजेंसियों ‘फार्स’ और ‘तस्नीम’ ने भी विस्फोटों की आवाज सुनाई देने की सूचना दी, लेकिन उन्होंने इसका कारण नहीं बताया.

दुबई की विमानन कंपनियों ‘एमिरेट्स’ और ‘फ्लाईदुबई’ ने स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग साढ़े चार बजे से पश्चिमी ईरान के आसपास उड़ानों के हवाई मार्ग में परिवर्तन शुरू किया, लेकिन उन्होंने इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया. विमान चालकों को मिली स्थानीय चेतावनियों से संकेत मिलता है कि हवाई क्षेत्र संभवत: बंद हो सकता है. ईरान ने तब घोषणा की थी कि उसने तेहरान और उसके पश्चिमी एवं मध्य क्षेत्रों में वाणिज्यिक उड़ानें रोक दी हैं. अधिकारियों ने बताया कि ईरान ने बाद में सामान्य उड़ान सेवा बहाल कर दी.

ईरान में हुई घटना के समय, सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना ने एक सैन्य बयान के हवाले से कहा कि इजराइल ने एक मिसाइल हमला कर ईरान के दक्षिण में एक वायु रक्षा इकाई को निशाना बनाया और नुकसान पहुंचाया. युद्ध की निगरानी करने वाले ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ‘ूमन राइट्स’ ने कहा कि हमले में ईरानी सैनिकों के एक सैन्य रडार को निशाना बनाया गया.

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