इस्कॉन कोलकाता को जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय दास को न्याय मिलने की उम्मीद
बांग्लादेशी हिंदू संत दास के वकील रवींद्र घोष को कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया
कोलकाता. इस्कॉन कोलकाता ने बुधवार को उम्मीद जताई कि जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को बृहस्पतिवार को होने वाली अदालती सुनवाई में न्याय मिलेगा. अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा कि संगठन 2025 के पहले दिन बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए प्रार्थना करेगा, जैसा कि वे पिछले एक महीने से कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “न्याय पाने के लिए न्यूनतम आवश्यकता कानूनी प्रणाली का समुचित ढंग से काम करना है.” चिन्मय कृष्ण दास को दो जनवरी को बांग्लादेश की एक अदालत में पेश किया जाना है. उन्हें 25 नवंबर को चटगांव में दर्ज राजद्रोह के एक मामले में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था.
दास ने कहा, “पिछली दो सुनवाई में हमने देखा कि उनके वकीलों को उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी गई और हमें उम्मीद है कि कल उनके वकील उनका प्रतिनिधित्व कर सकेंगे.” इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने कहा कि यदि कुछ वकीलों द्वारा अदालत में चिन्मय दास का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी अधिवक्ता की पिटाई करने की स्थिति फिर बने तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “हम पिछले एक महीने से बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की शांति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे.” बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से अशांति बनी हुई है तथा देश के 50 से अधिक जिलों में सैकड़ों हमले हो चुके हैं. बांग्लादेश की कुल 17 करोड़ की आबादी में आठ प्रतिशत हिंदू हैं.
बांग्लादेशी हिंदू संत दास के वकील रवींद्र घोष को कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया
बांग्लादेशी हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के वकील रवींद्र घोष अस्पताल में भर्ती होने के कारण बृहस्पतिवार को अदालत में पेश नहीं हो सकेंगे और उनकी जगह उनके दो कनिष्ठ वकील तथा 18 अन्य कानूनी प्रतिनिधि मामले में पैरवी करेंगे. इस कानूनी लड़ाई में दास की पैरवी कर रहे घोष पिछले महीने अपनी पत्नी के साथ इलाज के लिए पश्चिम बंगाल आए थे और अपने बेटे राहुल के साथ रह रहे हैं, जो कई वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं.
सीने में दर्द के बाद घोष (74) को सरकारी सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल (एसएसकेएम) अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वकील को मंगलवार आधी रात को कोलकाता के बाहरी इलाके बैरकपुर में अपने बेटे के घर पर अचानक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने के बाद अस्पताल ले जाया गया था. घोष की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है. घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह अपने कनिष्ठ वकीलों के साथ लगातार संपर्क में हैं और मामले में पैरवी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा, ”मेरे दो कनिष्ठ वकील, 18 अन्य लोगों के साथ, कल अदालत में दास का प्रतिनिधित्व करेंगे. मैं उनसे लगातार संपर्क में हूं और अंत तक लड़ता रहूंगा. जब मैं स्वस्थ हो जाऊंगा तो बांग्लादेश लौट जाऊंगा.” उन्होंने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकारों की वकालत जारी रखने का दृढ़ संकल्प जताया.
बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को पिछले साल नवंबर में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक रैली के लिए चटगांव जाते समय गिरफ्तार किया गया था. दास को बांग्लादेश की अदालत ने दो जनवरी तक जेल भेज दिया था. वकील को अस्पताल में भर्ती कराने संबंधी यह घटनाक्रम चटगांव उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को होने वाली एक महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले हुआ है. यह सुनवाई दास के मामले से संबंधित है, जिनकी हिरासत दो जनवरी को समाप्त होने वाली है.