झारखंड उच्च न्यायालय ने ईडी के समन के खिलाफ सोरेन की याचिका खारिज की

रांची. झारखंड उच्च न्यायालय ने कथित धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ ने पाया कि समन में पेश होने की अवधि पहले ही खत्म हो चुकी है अत: याचिका अर्थहीन हो गई है.

प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन को समन जारी किया था और 14 अगस्त को रांची में एजेंसी के कार्यालय में पेश होने को कहा था. इसके अलावा उन्हें बाद में धन शोधन निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपना बयान दर्ज कराने के लिए भी समन भेज गया था. सोरेन ने अपनी याचिका में कहा कि जांच एजेंसी द्वारा उन्हें भेजे गए समन अनुचित थे.

उच्चतम न्यायालय द्वारा समन के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई करने से इंकार करने के बाद मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायामूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने हालांकि उन्हें मामले में राहत पाने के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल करने की इजाजत प्रदान की थी.

सोरेन ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि पीएमएलए की धारा 50 और 63 को भारतीय संविधान के अधिकार क्षेत्र से परे घोषित किया जाए और उनके खिलाफ समन को अवैध तथा निष्प्रभावी घोषित करने के लिए उचित निर्देश जारी किया जाए.
सोरेन ने अदालत में दावा किया कि उनके खिलाफ दुर्भावना से समन जारी किया गया था और राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता और अशांति पैदा करने के एकमात्र मकसद से उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं. सोरेन के वकील पी. चिदंबरम ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ से कहा था कि यह साफ नहीं है कि सोरेन को गवाह के तौर पर तलब किया गया है या आरोपी के तौर पर.

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