कमलनाथ के दामन पर सिख विरोधी दंगों के दाग हैं : मप्र के मंत्री

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके (कमलनाथ) दामन पर वर्ष 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों के दाग हैं और उन्हें इन दंगों में अपनी संलिप्तता पर सफाई देनी चाहिए. ये दंगे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे.

सारंग ने यहां आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”कमलनाथ के दामन पर बड़ा दाग है. क्या इस तरह का दाग लेकर वे चुनाव (इस साल के अंत में होने वाला मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव) में कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे? उन्हें जनता के बीच आकर बताना चाहिए कि क्या वे दंगों में संलिप्त थे?” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में हर समय विभाजन की राजनीति की है.

सारंग ने कहा, ”कांग्रेस नेतृत्व से मेरी मांग है कि सिख नरसंहार के आरोपी कमलनाथ को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाए, नहीं तो ये स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस सिखों के हत्यारे के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहती है.” उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में मौन क्यों है? दिसंबर, 2018 से मार्च, 2020 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ फिलहाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगे.

सारंग ने कहा, ”इस देश के इतिहास में 1984 का सिख कत्लेआम काले धब्बों में से एक है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के नेताओं ने सिख भाई-बहनों का कत्लेआम किया था. हजारों भाई-बहन उस कत्लेआम में प्रभावित हुए थे.” उन्होंने कहा, ”सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह थी कि उस कत्लेआम में जिन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया था वह कांग्रेस के नेता थे. विशेष रूप से दिल्ली में जो बड़े स्तर पर कत्लेआम हुए थे, उसमें कांग्रेस के तीन नेताओं का हिस्सा लेना अलग-अलग विषय पर सबूत के साथ जनता के सामने प्रस्तुत हुआ था. इनमें एक सज्जन कुमार, दूसरे जगदीश टाइटलर और तीसरे कमलनाथ थे, चौथे नेता इस दुनिया में नहीं हैं.

इन तीन लोगों का नाम बहुत ही प्रमुखता से उस समय की घटनाओं में लिया गया था.” सारंग ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद इस पूरे विषय पर नानावटी आयोग ने जांच की और इसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में यह मामला गया. लेकिन, दुर्भाग्य यह हुआ कि 2004 में केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आई और उसने इस मामले में लीपा-पोती कर दी और किसी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

उन्होंने कहा, ”वर्ष 2014 के बाद इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने काम किया और उसका परिणाम निकला कि सज्जन कुमार जेल में हैं और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इस पूरे मामले में कांग्रेस के जिस दूसरे बड़े नेता जगदीश टाइटलर का नाम आता है, उनके खिलाफ भी कल सीबीआई की अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है और वो भी जल्द ही जेल में होंगे. तीसरा नाम कमलनाथ है, जो इस पूरे मामले में दोषी हैं और निश्चित ही आने वाले समय में उन पर भी कार्रवाई होगी, ऐसी उम्मीद है. जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं.”

उन्होंने कहा, ”मैं कांग्रेस के नेतृत्व से यह पूछना चाहता हूं कि जो सिख कत्लेआम का अभियुक्त है, जिन्होंने सिख कत्लेआम किया. क्या उनके नेतृत्व में कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस को इस बात का जवाब देना होगा कि जो व्यक्ति सिख कत्लेआम में स्वयं सामने खड़े होकर सिखों के कत्लेआम का दोषी है, जिसके दामन पर सिख दंगों के दाग हैं, क्या वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के लायक हैं.”

सारंग ने कहा कि सिख परिवार इस बात की अपेक्षा करते हैं कि तीसरे अभियुक्त कमलनाथ ने सिख दंगों के समय भीड़ को उकसाने का काम किया था, उन्हें भी सजा मिले. जब हम सार्वजनिक क्षेत्र या राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं तो किसी भी राजनीतिक दल का यह दायित्व है कि उसके किसी नेता पर अगर इस प्रकार के कत्लेआम के दाग हैं, तो तुरंत प्रभाव से उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ”अगर कांग्रेस नेतृत्व कमलनाथ को पद से नहीं हटाता है, तो इससे यह स्पष्ट होता है कि उस समय के सिख कत्लेआम में कांग्रेस नेतृत्व का पूरा आशीर्वाद था और उसको करने के पीछे कांग्रेस नेतृत्व की मंशा थी. संपूर्ण देश का सिख समाज और पीड़ित परिवार इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कमलनाथ को भी इसकी सजा मिलेगी.” वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस क.ौमी एकता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व सिख यूथ एसोसिएशन ऑफ. इंदौर के अध्यक्ष सच सलूजा ने एक बयान जारी कर कहा कि जब-जब चुनाव करीब आता है, भाजपा धर्म, झूठ और फ.रेब की राजनीती शुरू कर देती है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सिखों को हमेशा से ही कमलनाथ पर सिख दंगों का आरोप लगाकर गुमराह करती आयी है, जबकि हकीकत ये है कि आज तक किसी दंगे में किसी भी प्राथमिकी या आरोप पत्र में कमलनाथ का नाम तक नहीं है. सलूजा ने कहा कि सिख समाज को भयभीत कर, भावनाओं से खेलना भाजपा का चरित्र बन गया है.

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