कर्नाटक के मंत्री ने भाजपा नेताओं को पीड़िता की मां के साथ अपनी बातचीत सार्वजनिक करने की चुनौती दी

बेंगलुरु. कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को कथित तौर पर बलात्कार और हत्या मामले में पीड़िता की मां के साथ अपनी बातचीत सार्वजनिक करने की चुनौती दी. वर्ष 2012 में 17 वर्षीय एक छात्रा की ‘धर्मस्थल’ में कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने सोमवार को ‘धर्मस्थल चलो’ रैली के दौरान पीड़िता के परिवार से मुलाकात की.

पार्टी ने दक्षिण कन्नड़ जिले के ‘धर्मस्थल’ में मार्च का आयोजन किया और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस इस आरोप का सहारा लेकर मंजूनाथ स्वामी मंदिर को बदनाम कर रही है कि ‘धर्मस्थल’ और उसके आसपास कई युवतियों और छात्राओं के शव दफनाए गए हैं. आरोपों की सच्चाई की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने ‘धर्मस्थल’ में तब कई स्थानों की खुदाई की, जब एक नकाबपोश व्यक्ति ने दावा किया कि उसने सैकड़ों ऐसे शवों को दफनाया है. बाद में इस व्यक्ति की पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई.

खरगे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जानना चाहा कि क्या भाजपा नेताओं, जिन्होंने ‘धर्मस्थल चलो’ का आयोजन किया था और आरोप लगाया था कि धर्मस्थल के बारे में एक साजिश और झूठा प्रचार चल रहा है, में दुनिया को यह बताने का साहस था कि पीड़िता की मां ने उन्हें क्या बताया था.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे ने कहा, ”भाजपा की कर्नाटक इकाई के नेता पीड़िता की मां के बयान पर कोई प्रतिक्रिया दिए बिना चुप क्यों रहे? आपकी अपनी पार्टी कहती है कि उन्होंने (पीड़िता की मां) पीड़िता के नाम पर पैसा कमाया है और इतना बड़ा घर बनवाया है?” खरगे ने पूछा, ”पीड़िता की मां ने उन्हीं लोगों के खिलाफ शिकायत की, जिनकी ओर से भाजपा धर्मस्थल गई थी. पीड़िता की मां की बात सुनने के बाद मंच पर बैठे कर्नाटक भाजपा के नेताओं को कैसा महसूस हुआ?”

उन्होंने कहा, ”यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि भाजपा पीड़िता के पक्ष में है या विरोध में. क्या भाजपा नेता अपने शब्दों पर खरे उतरेंगे, जिन्होंने छात्रा की मौत के लिए न्याय का वादा किया था, जबकि उसकी मां ने स्पष्ट शब्दों में बताया था कि वह किससे न्याय चाहती हैं.” उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा नेताओं ने घोषणा की थी कि वे पीड़िता की कानूनी लड़ाई के लिए आर्थिक मदद देंगे. उन्होंने कहा कि क्या उन्हें पता है कि यह कानूनी लड़ाई किसके खिलाफ होगी? सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री ने पोस्ट में विजयेंद्र और पीड़िता के परिवार के बीच बातचीत का वीडियो क्लिप भी साझा किया.

वीडियो में पीड़िता के एक रिश्तेदार कहते सुनाई दे रहे हैं, ”मैंने ही उससे आखिरी बार बात की थी. उसके पांच मिनट बाद ही उसका अपहरण कर लिया गया.” पीड़िता की मां ने कहा, ”मेरी बेटी का क्या? मेरी बेटी को मार दिया गया है. जब मैं न्याय मांगने जाती हूं, तो मुझे इस तरह से धमकाया जाता है. देखिए, आपकी पार्टी के लोग यही कह रहे हैं. उन्होंने बहुत बड़ा घर बनाया है. वे कहते हैं कि उन्होंने पीड़िता के नाम पर एक बड़ा घर बनाया है, सर. तो मेरी बेटी को न्याय नहीं मिलेगा, सर?” उन्होंने दावा किया कि उनके पति और भाई को कुछ प्रभावशाली लोगों ने धमकाया और अदालतों तथा कार्यालयों में पैसा बर्बाद न करने को कहा और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की भी धमकी दी गई.

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