केरल: बबिया की मौत के बाद अनंतपद्मनाभ मंदिर को अगले मगरमच्छ का इंतजार

कासरगोड. केरल के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में बीते 70 साल से रह रहा, एकमात्र मगरमच्छ ‘बबिया’ रविवार देर रात मृत पाया गया. अब हर कोई अगले मगरमच्छ के आने की उम्मीद कर रहा है. माना जाता है कि पहले भी ऐसा ही हुआ था. मंदिर की जर्नोधारा समिति के सचिव रामचंद्र भट ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘बबिया’ से पहले मंदिर में रहने वाले एक मगरमच्छ को द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश सेना ने गोली मार दी थी.

उन्होंने बताया, ‘‘इसके कुछ समय बाद बबिया झील में दिखाई दिया. समय के साथ-साथ वह परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया. हम सब उसके जाने से दुखी हैं. झील से मृत मगरमच्छ को बाहर निकालने के बाद हम मुश्किल से खुद को संभाल पाए.’’ बीते 30 साल से मंदिर प्रशासन का हिस्सा रहे भट ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि अब बबिया की जगह एक और मगरमच्छ दिखाई देगा. सदियों से यही होता आ रहा है. हमें विश्वास है कि यह फिर से होगा.’’ भट ने कहा कि बबिया के लिए एक स्मारक बनाने की भी योजना है, लेकिन इसके लिए मंदिर के वरिष्ठ पुजारियों की अनुमति की आवश्यकता है.

मंदिर के अधिकारियों का दावा है कि मगरमच्छ शाकाहारी था और मंदिर में बने ‘प्रसादम’ पर ही निर्भर था. भट ने एक उदाहरण को याद करते हुए बताया कि एक बार कुछ बच्चे झील में मगरमच्छ के ऊपर गिर गए, लेकिन उसने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया. मंदिर के अधिकारियों ने बताया था कि रविवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे मृत मगरमच्छ झील में तैरता पाया गया. मंदिर प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस और पशुपालन विभाग को दी.

मृत मगरमच्छ को झील से बाहर निकाल कर शीशे के बक्से में रखा गया था. विभिन्न राजनीतिक नेताओं सहित कई लोगों ने सोमवार को उसके अंतिम दर्शन किये. मंगलवार को अपराह्न बाद शव को मंदिर के पास एक गड्ढे में दफना दिया गया. भट ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी.

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