केरल के राज्यपाल ने 2019 में उन्हें परेशान किए जाने की घटना के वीडियो क्लिप किए साझा

राज्यपाल ने असहमति जताने वालों को चुप कराने का राज्य सरकार पर लगाया आरोप

तिरुवनंतपुरम. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य की वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ अपने हमले तेज करते हुए उस पर राजभवन समेत असहमति जताने वालों की आवाज को चुप कराने का सोमवार को आरोप लगाया. खान ने 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में उनके साथ कथित रूप से धक्का मुक्की किए जाने और केरल के राजस्व के मुख्य रूप से लॉटरी एवं शराब की ब्रिकी पर आधारित होने समेत कई मामलों को लेकर सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) पर निधाना साधा.

केरल के राज्यपाल ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए, कन्नूर विश्वविद्यालय में एक समारोह में कथित रूप से उनके साथ धक्का मुक्की किए जाने के वीडियो क्लिप मीडिया के साथ सोमवार को साझा किए. उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र और उनके भेजे जवाब भी मीडिया में जारी किए.

खान ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के तौर पर उनकी शक्तियां कम किए जाने के स्पष्ट मकसद वाले विधेयक को हाल में विधानसभा में पारित किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया. उन्होंने राज्य सरकार पर उससे भिन्न विचार रखने वाले लोगों को चुप कराने का आरोप लगाया और कहा कि यहां तक कि राजभवन को भी नहीं बख्शा गया.

उन्होंने सत्तारूढ़ वाम मोर्चे की वामपंथी विचारधारा का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि भारत के बाहर से उत्पन्न कुछ विचारधाराएं ‘असहमति, विचारों के अंतर को शांत करने और उन लोगों को नष्ट करने के लिए बल के इस्तेमाल में विश्वास करती हैं जिन्हें वे अपना शत्रु मानते हैं.’

उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की दबाव बनाने की रणनीति का उद्देश्य उन्हें विश्वविद्यालय संबंधी कानूनों और लोकायुक्त संशोधन विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करना था और जैसे ही उनकी सहमति होगी, ‘सरकार के साथ उनके संबंध तुरंत सामान्य हो जाएंगे.’ आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘‘तो आप दबाव की रणनीति लागू कर सकते हैं और मैं उन पर अपनी बात भी नहीं रख सकता? कृपया मेरे साथ यह खेल नहीं खेलें. मैंने बहुत कुछ देखा है.

अगर मैं विधेयकों पर हस्ताक्षर करता हूं, तो वे अवैध काम करेंगे और फिर मुझे इसका समर्थन करने के लिए कहेंगे. मैं इसकी अनुमति नहीं दे सकता. अगर वे कुलाधिपति की शक्तियों को लेने के लिए एक विधेयक पारित करते हैं, तो मैं उस पर हस्ताक्षर करूंगा. लेकिन जब मैं कुलाधिपति हूं, तो मैं उनके द्वारा किए गए अवैध कार्यों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रियों के निजी सचिव सरकार के मामलों को चला रहे थे. राज्यपाल ने हालांकि कहा कि राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ दबाव की रणनीति के बावजूद केरल में कोई संवैधानिक संकट नहीं है.

राज्यपाल खान ने राजभवन सभागार में लगाए गए दो बड़े स्क्रीन पर घटना के वीडियो दिखाए. उन्होंने कहा कि इन वीडियो में एक वरिष्ठ पदाधिकारी को पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पदाधिकारी अब मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत है. वह मुख्यमंत्री के निजी सचिव के के रागेश का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने 2019 की घटना के संदर्भ में इतिहासकार इरफान हबीब पर भी निशाना साधा.

खान ने कहा, ‘‘जिस राज्य में काली कमीज पहनने पर लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहां ऐसी चीजें होती हैं. पुलिसर्किमयों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और लोगों को मुझ तक पहुंचने से रोका.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस समय मुख्यमंत्री के कार्यालय में कार्यरत एक वरिष्ठ पदाधिकारी को वीडियो में पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है.’’ राज्यपाल ने कहा, ‘‘रागेश ने पुलिस को अपना काम करने से रोका. संभवत: इसी लिए उन्हें इनाम दिया गया.’’ रागेश उस समय राज्यसभा के सदस्य थे.

उन्होंने सवाल किया कि यदि कन्नूर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन अचानक हुआ था, तो कुछ प्रदर्शनकारी पोस्टर तैयार करके कैसे लाए थे ? खान ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का पूरा ध्यान उससे भिन्न विचार रखने वाले लोगों को चुप कराने पर केंद्रित है और यहां तक कि राजभवन को भी नहीं बख्शा गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने राजभवन के र्किमयों की भर्ती के संबंध में पूछताछ करके उसकी कार्यप्रणाली में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश की और इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ कदम उठाया.

राज्यपाल ने कहा, ‘‘उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी. मैं जानता था कि वह व्यक्ति (वह सरकारी अधिकारी, जिसने नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखा था) निर्दोष था, लेकिन मैं यह संदेश देना चाहता था कि दबाव की ये रणनीतियां मुझ पर काम नहीं करेंगी. इससे भी उनकी आंखें नहीं खुलीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दबाव बनाने की रणनीतियां अब भी अपनाई जा रही हैं. इसके और अन्य कारणों की वजह से मुझे अब यह मामला उठाना पड़ा.’’

खान ने कहा कि राज्य सरकार उनकी शक्तियों को कम नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने ही उन्हें पद की शपथ दिलाई है, ना कि इसका उल्टा है. केरल सरकार पर तीखा हमला करते हुए खान ने कहा कि यह शर्म की बात है कि राज्य के राजस्व का मुख्य जरिया लॉटरी और शराब की बिक्री है. उन्होंने वाम सरकार पर निधाना साधने के लिए मुख्यमंत्री विजयन के गृह जिले कन्नूर में कथित राजनीतिक हत्याओं का मामला भी उठाया.

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