ललितपुर दुष्कर्म मामला: निलंबित थाना प्रभारी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

ललितपुर. जिले के पाली थाना परिसर में 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता से बलात्कार करने के आरोपी निलंबित थाना प्रभारी निरीक्षक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मामले में अब तक एक महिला सहित छह आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं.
इस बीच, थाने में नये पुलिस र्किमयों तैनाती कर दी गयी है. निलंबित एसएचओ को प्रयागराज में गिरफ्तार कर यहां लाया गया था.

इसके पहले पाली थाने में तैनात सभी पुलिसर्किमयों को पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जोगेंद्र कुमार ने लाइन हाजिर कर दिया था. अब इस थाने का प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह को बनाया गया है और अन्य पुलिसर्किमयों की तैनाती कर दी गई है. ललितपुर के पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि थाना परिसर में 13 साल की पीड़िता से दुष्कर्म करने के आरोपी पूर्व थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

उन्होंने बताया कि पीड़िता की मौसी और सामूहिक बलात्कार के आरोपी दो युवकों को बुधवार को ही अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. पुलिस अधीक्षक (एसपी) निखिल पाठक ने बताया कि 13 साल की लड़की का बयान दर्ज करने के बहाने आवास पर बुलाकर उससे कथित रूप से बलात्कार करने के मामले में सरोज सहित सभी छह आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं.

एसपी पाठक ने बताया कि इस सिलसिले में डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने पूरे थाना स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया था, अब धर्मेंद्र सिंह को पाली थाने का नया प्रभारी नियुक्त कर अन्य पुलिसर्किमयों की भी तैनाती कर दी गई है. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी नोटिस जारी किया था और उन्हें इस संबंध में चार सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट देने को कहा है.

विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने घटना पर सवाल उठाया था कि महिलाओं को अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए कहां जाना चाहिए और किस पर भरोसा करना चाहिए. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को ललितपुर का दौरा किया और जिला अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता से मुलाकात की थी. बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया था.

लखनऊ और ललितपुर में पुलिस सूत्रों ने बताया था कि एक लड़की की मां का आरोप है कि 22 अप्रैल को चार लोग उसकी बेटी को भोपाल ले गए थे जहां उन्होंने तीन दिनों तक उससे बलात्कार किया. इसके बाद वे लड़की को पाली थाने के बाहर छोड़कर भाग गए.

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