उज्बेकिस्तान में हिंदी सीख रहे छात्रों से मिले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भारत-उज्बेक संसदीय संबंधों को बताया मजबूत

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उज्बेकिस्तान के छात्रों और विद्वानों की भारतीय भाषाओं और संस्कृति में गहरी रुचि की सराहना की। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि ताशकंद स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्कूल में 600 से अधिक छात्र हिंदी सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्बेक विद्वानों ने न सिर्फ हिंदी और संस्कृत सीखी है, बल्कि अपने लेखन और शोध में भी इन भाषाओं का उपयोग किया है, जिससे भारत और उज्बेकिस्तान के संबंध और मजबूत हुए हैं।
ओम बिरला ने बताया कि कई उज्बेक भारतविदों को भारत और अन्य देशों से सम्मान भी मिला है। उन्होंने उज्बेक शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए उज्बेक-हिंदी शब्दकोश का भी जिक्र किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किया था। उन्होंने याद दिलाया कि 2012 में उज्बेक रेडियो ने हिंदी प्रसारण के 50 साल पूरे किए थे और भारतीय फिल्में व संगीत वहां बहुत लोकप्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी को गढ़ने में भारत की अहम भूमिका है और भारत व उज्बेकिस्तान मिलकर शांति, मानवता, स्थिरता और विकास को आगे बढ़ा सकते हैं। दोनों देशों के बीच शिक्षा, पर्यावरण, भाषा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग से आपसी समझ भी बढ़ेगी।
ओम बिरला ने उज्बेक संसद के निचले सदन के अध्यक्ष नूर्दिनजोन इस्माइलोव से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की पारदर्शी और मजबूत चुनाव प्रणाली की सराहना की और कहा कि भारत में लोकतंत्र की सफलता जनता की सक्रिय भागीदारी से संभव हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान की संसदों के बीच नियमित संवाद और प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान से न सिर्फ संसदीय सहयोग मजबूत होगा, बल्कि दोनों देशों की जनता के बीच भी नजदीकियां बढ़ेंगी। बिरला ने यह भी बताया कि दोनों देशों ने राजनीति, व्यापार, रक्षा, विज्ञान और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी बनाई है।