भगवान राम के ननिहाल आज गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हुआ दर्ज…

रायपुर: अयोध्या धाम में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम दौर में है. यहां भगवान के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी इसको लेकर उत्सव सा माहौल है. बुधवार को बालोद जिले के गुंडरदेही में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में भगवान राम के ननिहाल में आज गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज हुआ है. राज्य में 51 हजार रामचरितमानस ग्रंथों की प्रतियां बांटने का रिकॉर्ड बनाया गया है.

बुधवार को बालोद जिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस मौके पर श्रद्धालुओं को रामचरितमानस का वितरण भी किया. बुधवार को तुलसी मानस प्रतिष्ठान द्वारा 3000 मानस ग्रंथों का वितरण किया गया. इससे पहले 48 हजार ग्रंथ बांटे जा चुके हैं. लेकिन इन सबको मिलाकर कर 51 हजार प्रतियां बांटने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. मौके पर मौजूद गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स की टीम ने वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है.

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रीराम की जयकार के साथ कहा, “मैं कांकेर सांसद मोहन मंडावी को रामायणी सांसद कहूंगा. उन्हें हीरो कहूँगा, उन्होंने मानस वितरण को लेकर बहुत अच्छा काम किया है.” इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय ने बालोद जिले में 173 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की योजनाओं का लोकार्पण भूमिपूजन किया.

बता दें कि सांसद मोहन मंडावी 2002 से मानस वितरण का कार्य कर रहे हैं. आज उन्होंने 3000 प्रतियां वितरित कर 51 हजार मानस वितरित करने का का पूरा कर लिया है. इससे पहले वे 48 हजार मानस वितरित कर चुके हैं. इसे गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडावी ने अपना ही नहीं, छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. उन्होंने 51 हजार परिवारों में मानस पहुंचाने का काम किया है. साथ ही हर घर तुलसी चौरा हो, इसके लिए भी उन्होंने लोगों को प्रोत्साहित किया है. यह बहुत अच्छा काम है. रामचरितमानस के वितरण से बेहतर समाज के निर्माण की दिशा तय होती है. इसके आगे सीएम ने कहा कि यह कार्य ऐसे शुभ समय में हो रहा है, जब 22 तारीख को अयोध्या धाम में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. चारों ओर उत्सव का माहौल है और मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक मंदिरों में साफ-सफाई का काम हम लोग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि कांकेर सांसद मोहन मंडावी ने 2002 से मानस वितरण आरंभ किया जब मोहन मंडावी शिक्षक थे. बाद में भी पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीति में आए. तब भी मानस बांटने का काम जारी रखा. वहीं गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारियों ने कहा कि मानस के माध्यम से लोगों की जिंदगी बदलने का बड़ा काम मोहन मंडावी द्वारा किया गया है, जिसका हमने परीक्षण किया है और इसे दर्ज किया है.

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