कंबोडियाई मनोचिकित्सक, जापानी नेत्र रोग विशेषज्ञ को मैगसायसाय पुरस्कार

मनीला. खमेर रूज के शासन में सताए गए पीड़ितों का इलाज कर रहे एक कंबोडियाई मनोचिकित्सक सोथियारा छिम और वियतनाम में हजारों ग्रामीणों का इलाज करने वाले जापानी नेत्र रोग विशेषज्ञ तदाशी हतोरी इस वर्ष के रैमन मैगसायसाय पुरस्कारों के लिए चुने गये लोगों में शामिल हैं. इस पुरस्­कार को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है.

यह पुरस्कार पाने वाले अन्य लोगों में फिलीपीन के बाल रोग विशेषज्ञ बर्नाडेट मैड्रिड भी शामिल हैं, जिन्होंने हजारों प्रताड़ित बच्चों और उनके परिवारों को चिकित्सा, कानूनी और सामाजिक सहायता प्रदान की है. इनके अलावा एक फ्रांसीसी पर्यावरण कार्यकर्ता गैरी बेनचेघिब हैं जिन्होंने इंडोनेशियाई नदियों में प्लास्टिक प्रदूषण को साफ करने के प्रयास किये हैं.

बुधवार को घोषित वार्षिक पुरस्कारों का नाम फिलीपीन के एक राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया था , जिनकी 1957 में विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने एशिया के लोगों की निस्वार्थ सेवा की है. मनीला में 30 नवम्बर को ये पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे.

पुरस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष आॅरेलियो मोंटिनोला तृतीय ने कहा, “विजेताओं ने तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए ऐसे कार्य किये हैं जो प्ररेणादायक है.’’ फाउंडेशन ने कहा कि कंबोडियाई मनोचिकित्सक सोथियारा छिम (54) ने 2002 में अपने ‘ट्रांसकल्चरल साइकोसोशल आॅर्गनाइजेशन’ का कार्यकारी निदेशक बनने के बाद से अपने देश में खमेर रूज के क्रूर शासन के दौरान सताए गये हजारों लोगों और अन्य रोगियों का इलाज किया है.

वह वर्षों के युद्ध के बाद मनोचिकित्सक बन गये और लोगों के इलाज के लिए अपना जीवन सर्मिपत कर दिया. उन्होंने खासकर ग्रामीण समुदायों में काम किया. उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में “मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता होना चाहिए.” जापानी नेत्र रोग विशेषज्ञ तदाशी हतोरी (58) को स्थानीय डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इन डॉक्टरों ने हजारों वियतनामी लोगों का इलाज किया है.

फाउंडेशन ने कहा कि हतोरी ने 15 साल की उम्र में डॉक्टर बनने का फैसला किया था, जब कैंसर से पीड़ित उनके पिता का एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. उसने कहा कि 2002 में वियतनाम की राजधानी हनोई की यात्रा के दौरान हतोरी ने देखा कि नेत्र विशेषज्ञों की कमी और पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण किस तरह से लोग दृष्टिबाधित हो रहे थे. फाउंडेशन ने कहा कि इसके बाद उन्होंने धन जुटाना, विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देना और स्थानीय अस्पतालों को उपकरण दान देना शुरू किया.

हतोरी ने कहा, ‘‘सिर्फ एक आंख को ठीक करने से किसी के लिए स्कूल जाना या काम पर वापस जाना संभव हो सकता था.’’ पुरस्कार से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि फिलीपीन में, जहां गरीबी, बाल श्रम और तस्करी के कारण बाल शोषण लंबे समय से समस्या रही है, बाल रोग विशेषज्ञ बर्नाडेट मैड्रिड (64) ने लोगों का उपचार करके, सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और नीति निर्माताओं और नागरिक समूहों का इस मुद्दे पर ध्यान आर्किषत करने की दिशा में काम किया.

वह मनीला में 1997 के बाद से फिलीपीन जनरल अस्पताल में देश के पहले बाल संरक्षण केंद्र के प्रमुख रहे हैं. इस केंद्र ने पिछले वर्ष की तुलना में 27,000 से अधिक बच्चों को सेवा प्रदान की है. पुरस्कार फाउंडेशन ने कहा कि मैड्रिड को “बाल संरक्षण में एक बहु-क्षेत्रीय, बहु-विषयक प्रयास करने के लिए यह सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है. फाउंडेशन ने कहा कि फ्रांस के गैरी बेनचेघिब (27) इंडोनेशियाई रिजॉर्ट द्वीप बाली पर प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ एक “योद्धा” बन गए.

उन्होंने 14 साल की उम्र में अपनी बहन, भाई और दोस्तों के साथ एक परियोजना के तहत एक समुद्र तट की सफाई शुरू की थी.
इंडोनेशिया के प्रदूषित जलमार्गों को साफ करने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें पुरस्कार दिया गया है. बेनचेघिब ने बाद में न्यूयॉर्क में फिल्म निर्माण का काम शुरू किया और प्लास्टिक प्रदूषण तथा पर्यावरण संरक्षण पर सौ से अधिक वीडियो बनाए, जिन्हें लाखों लोगों ने यूट्यूब, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर देखा है.

Related Articles

Back to top button