आवारा कुत्तों से स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए व्यक्ति ने उठाया हथियार

कासरगोड. केरल के उत्तरी छोर पर स्थित कासरगोड जिले में आवारा कुत्तों से खतरे के मद्देनजर बच्चे ‘एयर गन’ के साये में स्कूल जा रहे हैं. राज्य भर में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे की खबरों के बीच, समीर नामक व्यक्ति का बच्चों के एक समूह को हथियार के साये में स्कूल से वापस लाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में समीर को बंदूक लेकर बच्चों के आगे-आगे चलते हुए और यह कहते हुए देखा जा सकता है कि अगर कोई आवारा कुत्ता हमला करता है तो वह उसे गोली मार देंगे. बाद में, उन्होंने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि एक पिता के रूप में यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वह अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

समीर ने बताया कि आवारा कुत्तों के आंतक से उनके और पड़ोसियों के बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था, इसलिए वह बंदूक ले जाने के लिए मजबूर हुए. पिछले कुछ समय से क्षेत्र में आवारा कुत्तों का मुद्दा गरमाया हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘मदरसे के छात्र को एक दिन आवारा कुत्ते ने काट लिया. ऐसे में, यहां के सभी बच्चे बाहर जाकर मदरसे में जाने से डरने लगे. इसलिए, मैंने उन्हें सुरक्षा देने का फैसला किया.’’ समीर के बेटे ने यह वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया.

मूल रूप से यहां के बकेल के निवासी समीर ने कहा कि एयर-गन ले जाने के लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कानूनी कार्रवाई का डर नहीं, क्योंकि मैं किसी कुत्ते को नहीं मारता. लेकिन अगर कोई कुत्ता हमला करता है, तो मुझे उसे आत्मरक्षा में गोली मारनी होगी.’’ संपर्क करने पर पुलिस ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. हाल में, राज्य में आवारा कुत्तों के हमलों में वृद्धि देखी गई है. केरल उच्च न्यायालय ने तब हस्तक्षेप करते हुए पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कदम के उचित क्रियान्वयन और कुत्तों के टीकाकरण के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था.

इसके बावजूद, इस बार भी अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा और राज्य को नागरिकों की रक्षा करने के अपने दायित्व को निभाने और आम जनता को कानून अपने हाथ में नहीं लेने के प्रति आगाह किया गया. कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में सरकार की अक्षमता या रेबीज रोधी टीके की प्रभावशीलता के बारे में विश्वास पैदा करने विफलता को लेकर सरकार की बढ़ती आलोचना के बीच राज्य सरकार और उसके विभिन्न अधिकारियों ने युद्ध स्तर पर इस खतरे को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं.

लोगों के डर को दूर करने के प्रयास में राज्य सरकार ने आवारा और पालतू कुत्तों का टीकाकरण करने और अधिक पशु जन्म नियंत्रण केंद्र खोलने के लिए 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक राज्यव्यापी सामूहिक टीकाकरण अभियान सहित अन्य कदमों की घोषणा की.

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