मेवानी एक अन्य मामले में जमानत मिलने के बाद महिला अधिकारी पर ‘हमला’ के आरोप में पुन: गिरफ्तार

कोकराझार.  गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट से संबंधित एक मामले में सोमवार को यहां की एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद, असम पुलिस ने उन्हें चार दिन पहले एक महिला पुलिस अधिकारी पर “हमला करने’’ के आरोप में फिर गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने कहा कि संबंधित अधिकारी ने कांग्रेस सर्मिथत विधायक मेवानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी और उसके बाद उनके खिलाफ लोक सेवक को कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने, जानबूझकर चोट पहुंचाने आदि के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

बारपेटा रोड थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार कथित घटना उस समय हुई जब महिला अधिकारी 21 अप्रैल को एक सरकारी वाहन में दलित नेता को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत ंिसह पनेसर और एक अन्य अधिकारी के साथ गुवाहाटी हवाई अड्डे से कोकराझार ले जा रही थीं. मेवाणी के वकील अंगशुमन बोरा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मेवानी के खिलाफ आरोप ‘अत्याचार’ हैं और जब वह तीन दिनों तक पुलिस हिरासत में थे या जिस समय उनकी जमानत याचिका पर कोकराझार अदालत में बहस चल रही थी, उस समय बारपेटा मामले का कोई जिक्र नहीं था. बोरा ने कहा कि अचानक जमानत मिलने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.

कोकराझार प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना काकोटी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके ट्वीट से संबंधित मामले में दो जमानतों के साथ 30,000 रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी. अदालत ने उन्हें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को प्रलोभन, सार्वजनिक धमकी या वादा नहीं करने का निर्देश दिया. उन्हें अदालत से पूर्व अनुमति के बिना वह स्थान नहीं छोड़ने के लिए भी कहा गया था. कोकराझार से एक वैन में बारपेटा जिला ले जाते समय, मेवानी ने आरोप लगाया कि यह “भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से मेरी छवि खराब करने और मुझे सुनियोजित तरीके से तबाह करने की साजिश है”.

मेवानी ने संवाददाताओं से कहा, उन्होंने (भाजपा और आरएसएस ने) रोहित वेमुला, चंद्रशेखर आजाद के साथ ऐसा ही किया और अब वे मुझे निशाना बना रहे हैं. उन्हें दलितों के साथ गंभीर समस्या है. हम भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को सावरकर ने निशाना बनाया था और मोदी, जिग्नेश मेवानी को निशाना बना रहे हैं. ” महिला पुलिस अधिकारी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि विधायक ने बारपेटा जिले के सिमलागुड़ी में दोपहर करीब डेढ़ बजे वाहन के अंदर अपशब्दों का इस्तेमाल किया.

उन्होंने दावा किया कि जब विधायक से उचित व्यवहार करने को कहा गया तो वह काफी “उत्तेजित हो गए और अधिक अपशब्दों का इस्तेमाल किया, मुझे डराने की कोशिश की और मुझे मेरी सीट पर धकेल दिया. इस प्रकार उन्होंने एक लोक सेवक के रूप में मुझे कर्तव्य का पालन करने के दौरान मेरे साथ मारपीट की और मुझे अनुचित तरीके से छूकर शील भंग करने का प्रयास किया.’ बोरा ने कहा कि वे उनकी जमानत के लिए मंगलवार को बारपेटा अदालत में अर्जी देंगे. गुजरात के विधायक के खिलाफ कोकराझार में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था.

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