अडाणी समूह के शेयरों में मिला-जुला रुख

अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिला

नयी दिल्ली. अडाणी समूह के शेयरों में मंगलवार को भी भारी उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा. अमेरिका की शॉर्ट सेंिलग कंपनीहिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. यह रिपोर्ट आने के बाद से समूह की कंपनियों के शेयर लगातार नीचे आ रहे हैं और यह लगातार चौथा सत्र है जब इनमें गिरावट आई है.

अडाणी समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इस घटनाक्रम के बीच लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये या 29 प्रतिशत घट गया है.
हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाने के ऐन पहले 24 जनवरी को आई थी. हालांकि, इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को अडाणी समूह ने खारिज किया है. मंगलवार के कारोबारी सत्र के अंत में अडाणी समूह की 10 में से तीन कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. अडाणी टोटल गैस का शेयर 10 प्रतिशत नीचे बंद हुआ. वहीं अडाणी पावर 4.99 प्रतिशत और अडाणी विल्मर पांच प्रतिशत नीचे बंद हुआ.

हालांकि, अडाणी समूह की अन्य कंपनियों… अडाणी ग्रीन एनर्जी 3.06 प्रतिशत, अडाणी ट्रांसमिशन 3.73 प्रतिशत, एनडीटीवी 1.35 प्रतिशत, अडाणी पोर्ट्स 2.67 प्रतिशत, अडाणी एंटरप्राइजेज 3.35 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स 3.50 प्रतिशत और एसीसी का शेयर 3.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश) को पूर्ण अभिदान मिलने से निवेशकों की धारणा को बल मिलेगा.

अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिला

अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को पूर्ण अभिदान मिल गया है. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को बिक्री के आखिरी दिन गैर-खुदरा निवेशकों का समर्थन मिला.

आंकड़ों के मुताबिक, 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग की गई. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-संस्थागत निवेशकों ने उनके लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित 1.28 करोड़ शेयरों को लगभग पूरा अभिदान मिला.

हालांकि, खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की एफपीओ के प्रति उदासीनता देखने को मिली. खुदरा निवेशकों के लिए लगभग आधा निर्गम आरक्षित था, जबकि उन्होंने अपने लिए आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 प्रतिशत के लिए बोली लगाई. कर्मचारियों के लिए आरक्षित 1.6 लाख शेयरों में 52 फीसदी के लिए बोलियां आईं.

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