आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की मोदी सरकार की नीति जारी रहेगी : शाह

हैदराबाद. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र ने पिछले नौ वर्षों में कई आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को बिल्कुल न बर्दाश्त करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीति आने वाले वक्त में भी जारी रहेगी. शाह ने यहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 54वें स्थापना दिवस समारोह में कहा कि देश के किसी भी हिस्से में अलगाववाद, आतंकवाद और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से सख्ती से निपटा जाएगा.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और राज्य पुलिस की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने इसे ‘महत्वपूर्ण’ बताया और कहा कि पिछले नौ वर्षों में यह प्रर्दिशत किया गया है. शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पिछले नौ वर्ष में आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में ंिहसा काफी कम हुई है, जबकि पूर्वोत्तर और वामपंथी चरमपंथ प्रभावित इलाकों में उग्रवाद भी कम हुआ है तथा लोगों का भरोसा बढ़ रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने वाले लोगों की संख्या घटती जा रही है और कई लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी देश तभी प्रगति कर सकता है यदि उसके हवाई अड्डे, बंदरगाह और औद्योगिक प्रतिष्ठान सुरक्षित हों. उन्होंने देश में सेवाओं के लिए सीआईएसएफ र्किमयों की प्रशंसा की.

शाह ने कहा कि अगर देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य को हासिल करना है तो राष्ट्रीय महत्व के हवाई अड्डों, बंदरगाहों और अन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने विश्वास जताया कि सीआईएसएफ भविष्य में इन चुनौतियों पर खरा उतरेगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय सीआईएसएफ को हवाई अड्डों, बंदरगाहों और अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के वास्ते आधुनिक तकनीक से लैस करने में कोई कोर कसर नहीं छोडेगा.

सीआईएसएफ द्वारा अपनाए ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर शाह ने कहा कि सीआईएसएफ ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है और इससे आने वाले समय में इसकी भूमिका बहुत बढ़ने वाली है. इस मॉडल से निजी कंपनियों में भी सलाहकार और अन्य कई भूमिकाओं में इसका उपयोग होने का रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा कि ये बल आने वाले दशकों में आधुनिक तकनीक और ड्रोन जैसे सुरक्षा संबंधित खतरों से निजी कंपनियों को भी सुरक्षा देने का काम कर सकेगा.

शाह ने कहा कि भारत आज तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश के संस्थानों, खदानों, बंदरगाहों और हवाईअड्डों को सुरक्षित रखें.’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज देश जाली मुद्रा, घुसपैठ और मादक पदार्थों जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और एक उज्ज्वल इतिहास के साथ, सीआईएसएफ ने देश को सुरक्षित किया है.

उन्होंने ड्यूटी पर रहते हुए अपनी जान गंवाने वाले सीआईएसएफ र्किमयों को श्रद्धांजलि भी दी.इस मौके पर सीआईएसएफ महानिदेशक (डीजी) शील वर्धन सिंह ने भी संबोधन दिया. सीआईएसएफ ने पहली बार दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बाहर अपना वार्षिक स्थापना दिवस मनाया है. इस कार्यक्रम का आयोजन यहां हकीमपेट में सीआईएसएफ राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी में किया गया.

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