नाबार्ड अगले 25 साल के लिए ग्रामीण क्षेत्र के वित्तपोषण का लक्ष्य तय करे : अमित शाह

साइबर अपराधों ने पूरी दुनिया में नागरिकों की सुरक्षा को खतरा पैदा किया है : अमित शाह

नयी दिल्ली. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नाबार्ड से अगले 25 साल के लिए कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास के वित्तपोषण का लक्ष्य तय करने को कहा है. उस समय भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा. शाह ने बुधवार को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के 42वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन के सभी कर्मचारियों को लक्ष्य तय करने में शामिल किया जाना चाहिए.

शाह ने कहा कि नाबार्ड, जो ग्रामीण भारत में वित्त और पुर्निवत्तपोषण की विकास गतिविधियों में लगा है, को अपने पिछले प्रदर्शन और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य तय करने चाहिए. उन्होंने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए सहकारी संगठनों के बीच सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. शाह ने कहा कि 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाला देश नाबार्ड के बिना समृद्ध नहीं हो सकता.

उन्होंने कृषि विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस संगठन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ”आज एक स्थिति आ गई है कि हम नाबार्ड के बिना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कल्पना नहीं कर सकते.” मंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बढ़ावा देने और गांवों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता करने के लिए नाबार्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की. नाबार्ड 12 जुलाई, 1982 को भारतीय रिजर्व बैंक के कृषि ऋण कार्यों और तत्कालीन कृषि पुर्निवत्त और विकास निगम (एआरडीसी) के पुर्निवत्त कार्यों को स्थानांतरित करके अस्तित्व में आया था.

साइबर अपराधों ने पूरी दुनिया में नागरिकों की सुरक्षा को खतरा पैदा किया है : अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सीमा विहीन डिजिटल मंच के विकास के साथ साइबर अपराध ने दुनियाभर के नागरिकों की सुरक्षा के लिए अहम खतरा पैदा किया है. उन्होंने कहा कि इस समस्या से प्रभावी रूप से निपटने की कुंजी भरोसेमंद वैश्विक साझेदारी है.

शाह नॉन फंजीबल टोकन (एनएफटी), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर दो दिवसीय ‘जी20 सम्मेलन’ का बृहस्पतिवार को गुरुग्राम में उद्घाटन करेंगे. नॉन फंजीबल टोकन स्वामित्व सत्यापन का डिजिटल माध्यम है जो ब्लॉकचैन तक में काम करता है जबकि मेटावर्स वह तकनीक है जिसमें डिजिटल जगत में दिखाई देने वाले दृश्य वास्तविकता का अनुभव कराते हैं.

इस सम्मेलन में जी-20 देशों, नौ विशेष आमंत्रित देशों, अंतराष्ट्रीय निकाय, भारत और दुनिया में प्रौद्योगिकी जगत के नेतृत्व करने वाले और विशेषज्ञ सहित कुल 900 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. शाह ने ट्वीट किया, ”तेजी से बढ़ रहे सीमाविहीन डिजिटल जगत में साइबर अपराध खासतौर पर साइबर धोखाधड़ी पूरी दुनिया के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. इस अपराध से प्रभावी तरीके से निपटने की कुंजी विश्वसनीय वैश्विक साझेदारी है.” गृहमंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा पर आयोजित जी-20 सम्मेलन में जी-20 देशों, नौ विशेष आमंत्रित देशों और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के बीच सघन चर्चा होगी.

उन्होंने कहा, ”सम्मेलन में साइबर सुरक्षा पर वैश्विक साझेदारी पर जोर दिया जाएगा जिससे साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का विस्तृत समाधान कर सुरक्षित साइबर जगत का रास्ता खुलेगा.” एक आधिकारिक बयान के मुताबिक शाह देश के सात प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओें में साइबर स्वयंसेवक दस्तों की भी शुरुआत करेंगे. इसके अनुसार विशेष रूप से चिह्नित स्वयंसेवक समाज में साइबर सुरक्षा जागरूकता पैदा करने, हानिकारक सामग्री की पहचान कर उसकी सूचना देने और समाज को साइबर अपराध से सुरक्षित बनाने में तकनीकी सहायता करेंगे.

बयान में कहा गया है कि शाह एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे और ‘कान्फ्रेंस मेडैलियन’ जारी करेंगे. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री के मार्गदर्शन में साइबर-सुरक्षित भारत का निर्माण गृह मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.

एक बयान के अनुसार, सम्मेलन की परिकल्पना सुरक्षित साइबरस्पेस बनाने और साइबर सुरक्षा चिंताओं को प्राथमिकता देने के लिए वैश्विक साझेदारी बनाने के अवसर के रूप में की गई है. इसमें कहा गया है कि सम्मेलन साइबर सुरक्षा और एनएफटी, एआई और मेटावर्स जैसी नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में साइबर अपराधों का मुकाबला करने के उपायों पर केंद्रित होगी.

साइबर सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा-संबंधी मामलों का एक अनिवार्य पहलू बन गई है और इसके आर्थिक और भू-राजनीतिक निहितार्थों के कारण इस पर पर्याप्त ध्यान देने की आवश्यकता है. बयान में कहा गया है कि जी20 मंच साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिये जाने से महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचे और डिजिटल सार्वजनिक मंच की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है. इसमें कहा गया है कि जी20 मंच पर साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध की रोकथाम पर विचार-विमर्श से सूचना-साझाकरण ढांचे के विकास में भी मदद मिलेगी.

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