नागपुर हिंसा साजिश प्रतीत होती है; ‘छावा’ फिल्म ने लोगों की भावनाओं को फिर से जगा दिया: फडणवीस

मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि नागपुर में हुई हिंसा साजिश प्रतीत होती है. हिंसा के संबंध में 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और नागपुर के कुछ हिस्सों में कफ्र्यू लगा दिया गया है. फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि ‘छावा’ फिल्म ने मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ लोगों की भावनाओं को जगा दिया है. उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित विक्की कौशल अभिनीत फिल्म ‘छावा’ ने लोगों के सामने मराठा शासक का सच्चा इतिहास पेश किया है.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा कि वह औरंगजेब के महिमामंडन के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी और दावा किया कि नागपुर हिंसा की साजिश रची गई थी. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंथ जलाया गया है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नागपुर के प्रभारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर के एक अस्पताल में घायल पुलिसर्किमयों से मिलने के बाद बताया कि हिंसा में 34 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. बावनकुले ने कहा कि फिलहाल स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण है, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल तैनात होने के कारण शहर में शांति है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शांति और सौहार्द बिगड़ रहा है. सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं, जो ठीक नहीं होगा.” शिवसेना (उबाठा) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने नागपुर में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा.
चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र की ‘महायुति’ सरकार पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”हिंसा भड़काना, राज्य में अस्थिरता पैदा करना, नागरिकों को पिछले इतिहास में उलझाए रखना और राज्य की वित्तीय दुर्दशा, बढ़ते कर्ज के बोझ, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की आत्महत्या जैसे कठिन सवालों से बचना… महाराष्ट्र को निवेश के लिए अनाकर्षक बनाने की दिशा में ले जाया जा रहा है, इसका उद्देश्य पड़ोसी राज्य को लाभ उठाने में मदद करना है.” राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने हिंसा के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया तथा दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रही है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फडणवीस और मंत्रियों की आलोचना करते हुए कहा, ”हमें हाल के हफ्तों में मुख्यमंत्री और मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों पर गौर करने की जरूरत है. सबसे बड़ी उकसावे की कार्रवाई सरकार की ओर से हो रही है, और वे खुद को जिम्मेदार भी नहीं मानते.” उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से की गई एक पूर्व नियोजित घटना थी. शिंदे ने कहा, ”करीब 2,000 से 3,000 लोग एकत्र हुए और मोमिनपुरा, चिटनिस नगर और अन्य इलाकों में घरों पर हमला किया. उन्होंने पत्थरबाजी की और हमला किया.” विहिप नेताओं ने कहा कि प्रशासन को हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगाना चाहिए.
विहिप के विदर्भ प्रांत मंत्री देवेश मिश्रा ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि नागपुर में विहिप और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक पंक्तियां लिखी हुई चादर जलाई गई, जिससे हिंसा भड़की. उन्होंने आरोप लगाया कि विहिप द्वारा पूरे महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाया गया, सिवाय नागपुर के ”जहां औरंगजेब के कुछ प्रशंसकों ने हिंसा भड़काने के लिए अफवाहें फैलाईं.” विहिप नेता ने कहा, ”महाराष्ट्र संभाजी महाराज का है. हमारा मुद्दा औरंगजेब द्वारा उन्हें दी गई यातना है. हम महाराष्ट्र में औरंगजेब का कोई प्रतीक नहीं चाहते हैं और विहिप ने उसकी कब्र को हटाने का फैसला किया है. लेकिन नागपुर में कुछ लोग अब भी औरंगजेब का महिमामंडन करते हैं.”
मुख्यमंत्री फडणवीस के गृहनगर में हिंसा को लेकर निशाना साधते हुए शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ”बेशर्म” है. उन्होंने कहा, ”अफसोस की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर सकती, तो वह हिंसा, दंगों का सहारा लेती है और यह हर राज्य में उसका सेट फॉर्मूला है. वे 300-400 साल पहले के किसी व्यक्ति के इतिहास को खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे भविष्य के बारे में नहीं बोल सकते. वे वर्तमान के बारे में नहीं बोल सकते हैं.