नया संसद भवन: पुरी ने कांग्रेस को घेरा, मनीष तिवारी ने मंत्री पर उलझाने की कोशिश का आरोप लगाया

नयी दिल्ली/कोलकाता. नये संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये जाने को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा व केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए उसके मन में भारत की प्रगति के प्रति ‘राष्ट्रीय भावना और गौरव का भाव’ नहीं होने का आरोप लगाया. वहीं, विपक्षी पार्टी ने उन पर ‘उलझाने और बहानेबाजी’ की कोशिश करने का आरोप लगाया.

पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि 24 अक्टूबर, 1975 को संसद के एनेक्सी भवन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था और 15 अगस्त, 1987 को संसदीय पुस्तकालय का शिलान्यास उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था. उन्होंने कहा, ”अगर आपके सरकार के अगुवा संसद एनेक्सी और पुस्तकालय का उद्घाटन कर सकते हैं तो इस सरकार के अगुवा क्यों नहीं? सीधी सी बात है.” एक दिन पहले ही कांग्रेस ने सरकार पर संवैधानिक शुचिता का अपमान करने का आरोप लगाया और मांग की थी कि प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नये संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए.

पुरी पर पलटवार करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ‘उलझाने की और बहानेबाजी’ की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ”मुझे इस बात का डर है कि मंत्री हरदीप सिंह पुरी उलझाने की और बहानेबाजी की कोशिश कर रहे हैं. संसद की एनेक्सी और पुस्तकालय तथा नये संसद भवन के बीच अंतर है.” लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.

यहां सवाददाताओं से बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है. उन्होंने कहा, ”महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?” यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस समारोह का बहिष्कार करेगी तो वल्लभ ने कहा, ”उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा.” कांग्रेस पिछले कुछ दिनों यह मांग कर रही है कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति की मौजूदगी भी होनी चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था, न कि वी. डी. सावरकर की जयंती पर.

सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, ”हमने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. यह उद्घाटन कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस या महात्मा गांधी की जयंती पर किया जाना चाहिए था. यह कार्यक्रम वी. डी. सावरकर की जयंती पर आयोजित करने का फैसला नहीं किया जाना चाहिए था.”

यह पूछे जाने पर कि क्या टीएमसी ने केंद्र के समक्ष अपनी चिंताएं जताई हैं, बंद्योपाध्याय ने कहा, ” पुराने संसद भवन का क्या होगा इसको लेकर विपक्षी दलों को अंधेरे में रखा गया है. सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है. ” राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद सिर्फ एक इमारत नहीं है बल्कि पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और भारतीय लोकतंत्र की नींव वाली एक संस्था है.

संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर फैसला उचित समय पर : कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह इस बारे में उचित समय पर उचित फैसला करेगी कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होना है या नहीं. यहां सवाददाताओं से बातचीत के दौरान पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है.

उन्होंने कहा, ”महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?” यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस समारोह का बहिष्कार करेगी तो वल्लभ ने कहा, ”उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा.” कांग्रेस पिछले कुछ दिनों यह मांग कर रही है कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति की मौजूदगी भी होनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे.

तृणमूल कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी

तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था, न कि वी. डी. सावरकर की जयंती पर.

सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, ” हमने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. यह उद्घाटन कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस या महात्मा गांधी की जयंती पर किया जाना चाहिए था. यह कार्यक्रम वी. डी. सावरकर की जयंती पर आयोजित करने का फैसला नहीं किया जाना चाहिए था.” यह पूछे जाने पर कि क्या टीएमसी ने केंद्र के समक्ष अपनी चिंताएं जताई हैं, बंद्योपाध्याय ने कहा, ” पुराने संसद भवन का क्या होगा इसको लेकर विपक्षी दलों को अंधेरे में रखा गया है. सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है. ”

राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद सिर्फ एक इमारत नहीं है बल्कि पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और भारतीय लोकतंत्र की नींव वाली एक संस्था है. डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ” संसद सिर्फ एक नयी इमारत नहीं है, यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है – यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है. प्रधानमंत्री मोदी को यह समझ नहीं आ रहा है. उनके लिए रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन केवल मैं, मैं, खुद के बारे में है. इसलिए हमें इससे बाहर रखें.”

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